Sonbhadra News : जनपद न्यूज़ Live की खबर का डिप्टी सीएम ने लिया संज्ञान, ट्वीट कर दिए जाँच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला
जनपद न्यूज़ live की खबर का बड़ा असर हुआ है। पीपीपी मॉडल पर संचालित 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग से नवजात रेफर करने के मामले को उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते...

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5:51 PM, October 24, 2024
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
• 100 शैय्या मातृ एवं शिशु विंग से मरीज को निजी अस्पताल भेजे जाने का मामला
सोनभद्र । जनपद न्यूज़ live की खबर का बड़ा असर हुआ है। पीपीपी मॉडल पर संचालित 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग से नवजात रेफर करने के मामले को उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए ट्वीट कर मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र को तीन दिनों में पूरे प्रकरण की जाँच कर कार्यवाही का निर्देश दिया है। डिप्टी सीएम के ट्वीट के बाद पूरे स्वास्थ्य महकमा सहित प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मचा हुआ है ।
यह है पूरा मामला -
बताते चलें कि गत 25 सितंबर को झारखण्ड निवासी महिला ने एमसीएच में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था लेकिन सांस लेने में तकलीफ के कारण एक नवजात को एमसीएच में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ0 जे0एस0 गुप्ता ने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन मरीज हायर सेंटर के बजाय डॉ0 जे0एस0गुप्ता द्वारा संचालित उनके स्वर्ण जयंती चौक स्थित निजी अस्पताल केयर हॉस्पिटल में भर्ती मिला। भर्ती के तीसरे दिन ज़ब नवजात के पिता ने डॉक्टर से नवजात को डिस्चार्ज करने को कहा तो पहले तो डॉक्टर ने सीधे मना कर दिया फिर दबाव बनाता देख भारी भरकम बिल थमा कर तत्काल पैसा देने के बाद ही बच्चे को ले जाने की हिदायत दी। लगभग पाँच घंटे तक चली पंचायत के बाद पूरा पैसा जमा करने के बाद ही नवजात को डिस्चार्ज किया गया। जिसके बाद नवजात के परिजनों ने पूरे मामले की मुख्य चिकित्साधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री को शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए जाँच कर उचित कार्यवाही की मांग की थी।
कार्यवाही के बजाय, बचाव करने में जुटा था स्वास्थ्य महकमा -
घटना की शिकायत और मीडिया में खबर प्रकशित होने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए जाँच का तो आदेश जरूर कर दिया था लेकिन यह आदेश भी मात्र कोरम बन कर रह गया। एक महीना बीतने के बाद भी मामले की जाँच में कुछ सामने नहीं आने से जहाँ स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गयी थी । वहीं पीड़ित परिवार भी न्याय की आस छोड़ चुका था।
डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर दिए जाँच के आदेश -
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने ट्वीट कर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए लिखा है कि 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग अस्पताल, सोनभद्र में चिकित्सक एवं बिचौलियों द्वारा मरीजों को निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराकर आर्थिक दोहन करने के आरोपों संबंधी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा उक्त प्रकरण में मुख्य चिकित्साधिकारी से जाँच क़र दोषियों को चिन्हित क़र उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए तीन दिन के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के आदेश दिए गये हैं। जन सामान्य के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मानवता की अनवरत सेवा करने का महत्वपूर्ण अभियान है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व अनियमितता का कोई स्थान नहीं। रिपोर्ट के आधार पर निश्चित रूप से दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
यह बोले सीएमओ -
वहीं पूरे मामले पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि "डिप्टी सीएम का आदेश प्राप्त हुआ है। दो सदस्यी टीम गठित कर जाँच कर 48 घण्टे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। गठित टीम में एक एसीएमओ और एक बाल रोग विशेषज्ञ को शामिल किया गया है।"
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा ज़ब 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग में दलाली के खेल को लेकर हाय तौबा मच रही है इसके पूर्व भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं लेकिन हर बार तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी इसे पीपीपी मॉडल पर संचालित होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेते थे और यहाँ के कर्मचारी और डॉक्टर उनके इसी बात का फायदा उठाकर जिले के गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण करते हैं। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद अब जाँच में क्या कुछ निकल कर सामने आता है।