Sonbhadra News : देश की आजादी में इतिहास के पन्नों में स्वार्णिम अक्षरों में लिखा गया आदिवासी समाज का योगदान - राज्यपाल
दो दिवसीय जनपद दौरे पर सोनभद्र पहुँचे असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज चतरा विकास खंड के पटना गाँव में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने.....

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7:43 PM, November 13, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । दो दिवसीय जनपद दौरे पर सोनभद्र पहुँचे असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज चतरा विकास खंड के पटना गाँव में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा, एकलव्य और बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं का अनावरण किया। तत्पश्चात उन्होंने शिव मंदिर परिसर में पौधरोपण कर रोपित वृक्षों के संरक्षण के प्रति जनमानस को संदेश दिए। वहीं राज्यपाल ने इस अवसर पर आदिवासी समाज के अमर स्वतंत्रता सेनानियों नीलांबर और पीतांबर के बलिदान को याद करते हुए कहा ये वहीं वीर हैं, जिन्होंने 1857 के आजादी के पहले स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी आंचल से नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे।
सोनभद्र जिले के पटना सिलथम गांव में आज इतिहास और परंपरा का संगम देखने को मिला। जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में पहुंचे असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का पारंपरिक करमा नृत्य से भव्य स्वागत किया गया। चारों ओर आदिवासी संस्कृति की झलक और देशभक्ति के स्वर गूंजते रहे। इस दौरान राज्यपाल ने नीलांबर और पीतांबर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि "आज आदिवासियों, गिरवासियों और वनवासियों का सम्मान वर्तमान शासन में वापस लौटा है। जिस तरह से देश की आजादी का सपना बिरसा मुंडा, नीलांबर, पीतांबर समेत तमाम जनजातीय क्रांतिकारियों ने देखा था वह सपना आज पूर्ण हो रहा है यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन है। आज नीलांबर-पीतांबर स्मृति सम्मान समारोह के जरिए इस आदिवासियों की धरती पर जो कार्यक्रम आयोजित हो रहा है वह अपने आप में अद्भुत है। आदिवासी समाज ने देश की आज़ादी में जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के वीर नीलांबर और पीतांबर का उल्लेख करते हुए कहा कि 1857 की क्रांति में इन दोनों भाइयों ने अंग्रेजी सत्ता को खुली चुनौती दी थी। दोनों ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह साबित किया कि देशभक्ति किसी वर्ग या जाति की नहीं, बल्कि पूरे भारत की आत्मा है। उन्होंने कहा कि यह जनपद आदिवासी संस्कृति, शौर्य और बलिदान की धरती है। इसी भूमि ने वह वीर दिए जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता के लिए जरूरी है कि हम एक हो कर रहें, हमें तमाम ऐसी तकते हैं जो कमजोर करने की साजिश रचती हैं हमें उनसे सावधान रहना है। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को जागरूक करने के लिहाज से कहा कि हमारी आपकी एकता राष्ट्र की एकता है।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक घमडी खरवार की पत्नी कलावती खरवार ने किया । कार्यक्रम का संयोजन मुन्ना धागर ने किया। कार्यक्रम में जीत सिंह खरवार उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने अभिनंदन पत्र पढ़ा, कार्यक्रम के संरक्षक भारतीय जनता पार्टी काशी क्षेत्र के पूर्व उपाध्यक्ष रमेश मिश्रा सहित गणमान्य लोगों द्वारा राज्यपाल का सम्मान व स्वागत किया गया। इसके पूर्व राज्यपाल ने सिलथम गांव में स्थित आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों हरिवंश धांगर, विशुन धांगर स्मृति द्वार का लोकार्पण किया। स्मृति द्वार का निर्माण विधायक निधि से कराया गया है। इसी तरह रामगढ़ बाजार में स्थित कालिदास शिक्षण संस्थान परिसर तक ग्राम पंचायत से बनवाए गए इंटरलॉकिंग संपर्क मार्ग का लोकार्पण भी राज्यपाल ने किया।
कार्यक्रम में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की स्वतंत्र निदेशक शारदा खरवार, अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार, और सदर विधायक भूपेश चौबे सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। भव्य आयोजन में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों और आदिवासी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया।
सुरक्षा की दृष्टि से जिला मुख्यालय से लेकर पटना तक जगह-जगह पुलिस व खुफिया तंत्र के लोग तैनात रहे सुबह से ही जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उत्कर्ष द्विवेदी, पुलिस क्षेत्राधिकार रणधीर मिश्रा समेत कई आला अधिकारी कार्यक्रम स्थल का जायजा लेते रहे।



