Sonbhadra News : एमसीएच से नवजात रेफर मामले में सीएमओ ने बैठायी जाँच
पीपीपी मॉडल पर संचालित 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग से नवजात रेफर करने के मामले को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जाँच बैठाने के साथ ही हेरिटेज के.....

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9:17 PM, October 1, 2024
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । पीपीपी मॉडल पर संचालित 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग से नवजात रेफर करने के मामले को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जाँच बैठाने के साथ ही हेरिटेज के प्रबंधक को पत्र लिख मामले से अवगत कराया है।
बताते चलें कि गत 25 सितंबर को झारखण्ड निवासी महिला ने एमसीएच में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया लेकिन सांस लेने में तकलीफ के कारण एक नवजात को एमसीएच में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० जे०एस० गुप्ता ने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया लेकिन मरीज हायर सेंटर के बजाय डॉ० जे०एस०गुप्ता द्वारा संचालित उनके स्वर्ण जयंती चौक स्थित निजी अस्पताल केयर हॉस्पिटल में भर्ती मिला। भर्ती के तीसरे दिन ज़ब नवजात के पिता ने डॉक्टर से नवजात को डिस्चार्ज करने को कहा तो पहले तो डॉक्टर ने सीधे मना कर दिया फिर दबाव बनाता देख भारी भरकम बिल थमा कर तत्काल पैसा देने के बाद ही बच्चे को ले जाने की हिदायत दे दी। लगभग पाँच घंटे तक चली उठापटक के बाद पूरा पैसा जमा करने के बाद ही नवजात को डिस्चार्ज किया गया। जिसके बाद नवजात के परिजनों ने पुरे मामले की मुख्य चिकित्साधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री को शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए जाँच कर उचित कार्यवाही की मांग की थी।
सीएमओ डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि "मीडिया और शिकायती पत्र के माध्यम से घटना उनके संज्ञान में आयी है। पुरे मामले की जाँच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।"
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा ज़ब 100 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु विंग में दलाली के खेल को लेकर हाय तौबा मच रही है इसके पूर्व भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं लेकिन हर बार तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी इसे पीपीपी मॉडल पर संचालित होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लेते थे और यहाँ के कर्मचारी और डॉक्टर उनके इसी बात का फायदा उठाकर जिले के गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण करते हैं। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य चिकित्साधिकारी की जाँच में क्या कुछ निकल कर सामने आ पाता है।