Sonbhadra News : उगते सूर्य को अर्घ्य देने साथ संपन्न हुई छठ पूजा, व्रतियों ने की सुख-समृद्धि की कामना
नहाय खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ आज संपन्न हुआ। व्रती महिलाओं ने उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया। रात में घरों में कोशी भरने का क्रम चलता रहा। सूर्योदय...

छठ पूजा के विभिन्न चित्र.....
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9:10 AM, October 28, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । नहाय खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ आज संपन्न हुआ। व्रती महिलाओं ने उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया। रात में घरों में कोशी भरने का क्रम चलता रहा। सूर्योदय से पहले घाट पर पहुंचीं व्रती महिलाएं वेदी पूजन के बाद पानी में खड़ा होकर भगवान भाष्कर की अराधना शुरू कीं। पारंपरिक छठ गीत उगहू सुरुज देव, भइलें अरघ के बेर. के माध्यम से महिलाएं सूर्यदेव के उदय होने की प्रार्थना करती रहीं। घाट पर मेले जैसा माहौल रहा।
छठ की आस्था के आगे फीकी पड़ी बारिश -
सोमवार की शाम से रात तक हुई बारिश भी व्रती महिलाओं के हौसले के आगे पानी भरती नजर आयी।मंगलवार की सुबह-सवेरे रॉबर्ट्सगंज स्थित घुवास नहर घाट, रामसरोवर तालाब, अकड़हवा पोखरा सहित नगर के अन्य छठ घाटों पर व्रती महिला श्रद्धालुओं का सपरिवार पहुंचना आरंभ हो गया था। छठ पूजा सेवा समितियों द्वारा छठ पूजा घाट पर आयोजित कार्यक्रम में छठ मैया के जयकारों और भोजपुरी छठ गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा था। गीतों पर झूमते श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।
अर्घ्य देकर की संतान और परिवार के सुख समृद्धि की मंगलकामना -
सूर्यदेव के निकलने से काफी पहले ही श्रद्धालुओं ने घाट पर पहुंचकर पूजा सामग्री के साथ तैयारी आरंभ की। व्रती महिलाओं ने नदियों के पानी में खड़े होकर संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। घाट पर हजारों की संख्या मे पहुंचे श्रद्धालुओं ने सूर्योदय के साथ ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। दीयों की रोशनी से छठ पूजा घाट जगमगा रहे थे। दीयों की रोशनी में घाटों की सुंदरता देखते ही बनती थी। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही घाट छठ मैया के जयकारों से गूंज उठे और 36 घंटे से चल रहा निर्जला व्रत पूर्ण हुआ। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिदूर लगाकर पर्व की शुभकामनाएं दी और प्रसाद का वितरण किया।
घुवास नहर पर हुई गंगा आरती -
जिले के घुवास नहर छठ घाट पर पहले अर्घ्य के बाद गंगा आरती का आयोजन किया गया। इस दौरान घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। वाराणसी से आए पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ गंगा आरती संपन्न कराई। दीपों की रोशनी और भजनों के साथ आरती संपन्न हुई।
सेल्फी लेती महिलाएं व युवतियाँ....
सभी ने खूब ली सेल्फी -
घुवास नहर छठ पूजा घाट, रामसरोवर तालाब सहित नगर के भी छठ घाटों पर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद ही सेल्फी का दौर जमकर चला। व्रती महिलाओं के साथ ही परिजनों ने भी सेल्फी ली। वहीं बच्चों का उत्साह भी देखते ही बनता था। छठ महापर्व के यादगार पलों की सेल्फी लेने के बाद वीडियों भी बनाई।
जमकर हुई आतिशबाजी -
छठ घाटों पर पूजा-अर्चना के बाद युवाओं ने जमकर आतिशबाजी छोड़कर खुशियां मनाई। छठ पूजा घाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब लोगों की छठ मैया में आस्था को दर्शा रहा था। बच्चों ने भी आतिशबाजी का खूब आनंद लिया। वहीं युवतियां भी पीछे नही रही।
छठ पूजा का आध्यात्मिक महत्व -
भले ही दुनिया कहती है कि जो उदय हुआ है, उसका डूबना तय है, लेकिन लोक आस्था के छठपर्व में पहले डूबते और बाद में दूसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का यही संदेश है कि जो डूबा है, उसका उदय होना भी निश्चित है, इसलिए विपरीत परिस्थितियों से घबराने के बजाय धैर्यपूर्वक अपना कर्म करते हुए अपने अच्छे दिनों के आने का इंतजार करें, निश्चित ही भगवान भास्कर की कृपा से सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वरदान मिलेगा।



