Sonbhadra News : छठ पूजा की धूम-आज महाव्रत के दूसरे दिन "खरना"की निभाई जाएगी परम्परा
पूरे क्षेत्र में आस्था के महापर्व की धूम मची है।समूचा क्षेत्र छठ गीतों से गुंजायमान हो रहा है

सोनभद्र
9:11 AM, October 26, 2025
धर्मेन्द्र गुप्ता (संवाददाता)
विंढमगंज (सोनभद्र)। क्षेत्र में छठ पूजा की धूम मची हुई है। छठ पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय के साथ हो चुकी है। नहाय-खाय के बाद आज खरना की पंरपरा निभाई जाएगी।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। खरना में दिन भर व्रत के बाद व्रती रात को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर, उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं। दरअसल, छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना होता है। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना खास होता है, क्योंकि व्रती इसमें दिन भर व्रत रखकर रात में रसिया (खीर) का प्रसाद ग्रहण करते हैं।खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण। इसे लोहंडा भी कहा जाता है। खरना के दिन छठ पूजा का विशेष प्रसाद बनाने की परंपरा है। छठ पर्व बहुत कठिन माना जाता है और इसे बहुत सावधानी से किया जाता है। कहा जाता है कि जो भी व्रती छठ के नियमों का पालन करती है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
खरना का महत्व
..........इस दिन व्रती शुद्ध मन से सूर्य देव और छठ मां की पूजा करके गुड़ की खीर का भोग लगाती हैं। खरना का प्रसाद काफी शुद्ध तरीके से बनाया जाता है। खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर बनाया जाता है। व्रती इस खीर का प्रसाद अपने हाथों से ही पकाती हैं। खरना के दिन व्रती महिलाएं सिर्फ एक ही समय भोजन करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर से लेकर मन तक शुद्ध हो जाता है।
खरना की पूजन विधि.....
......इस दिन महिलाएं और छठ व्रती सुबह स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करती हैं और नाक से माथे के मांग तक सिंदूर लगाती हैं। खरना के दिन व्रती दिन भर व्रत रखती हैं और शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करती हैं। फिर सूर्य भगवान की पूजा करने के बाद व्रती महिलाएं इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं।उनके खाने के बाद ये प्रसाद घर के बाकी सदस्यों में बांटा जाता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मइया) का आगमन हो जाता है।तैयारियों पर एक नजर-सतत वाहिनी नदी के पावन तट पर आयोजित होने वाले महापर्व पर घाट को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।
सोसायटी के अध्यक्ष अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है।व्रतियों समेत सभी आगन्तुकों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े,इस बावत सभी पदाधिकारी समेत सदस्य जी जान से जुटे हुए हैं।
हरनाकछार छठ घाट के तैयारियों के बावत समिति ने बताया कि सभी व्रतियों को बैठने के मैट तथा छाया के लिए टेंट लगा दी गयी है।अन्य आवश्यक तैयारियां पूर्ण कराई जा रही है।
महुली फुलवार स्थित मलिया नदी का पावन तट भी जगमगाने लगा है।
समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी, पंकज गोस्वामी, प्रधान अरविन्द जायसवाल,दिनेश यादव समेत विकास कन्नौजिया, उदय शर्मा, नन्दलाल गुप्ता, वीरेन्द्र कन्नौजिया, राजनाथ गोस्वामी,मुलायम यादव,मुकेश कन्नौजिया, विजेन्द्र कुमार,अरुण गुप्ता,आशीष कन्नौजिया समेत सभी तैयारियां पूर्ण कराने में जुटे हैं।
पतरिहा स्थित छठ घाट को सजाने में भी लोग जुटे हुए हैं।ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बुन्देल चौबे समेत रंजीत चौबे,रामनरेश पठारी, राजबली गुप्ता समेत सभी तैयारी में जुटे हैं।



