Sonbhadra News : समान कार्य समान मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर आशाओं का हल्लाबोल
समान कार्य समान मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर शनिवार को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशाओं ने कार्य बहिष्कार कर कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन कर जिलाधिकारी.....

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करती आशाएं....
sonbhadra
10:19 PM, November 1, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । समान कार्य समान मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर शनिवार को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशाओं ने कार्य बहिष्कार कर कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन कर जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आशाओं ने विभागीय कार्यों का बहिष्कार भी किया।
आशाओं के साथ किया जाता है सौतेला व्यवहार -
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि वह 18 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्याें को ईमानदारी पूर्व करती आ रही हैं। मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी आने में उनका अहम योगदान हैं। पोलियो मुक्त भारत उनके सहयोग से ही हो सका। कोविड-19 जैसे महामारी में भी वह जान की परवाह किए बगैर अपने कार्य करती रहीं। बावजूद इसके उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सभी ने अन्य प्रदेशों की तरह यूपी की सभी आशा एवं आशा संगिनी को एक निश्चित मानदेय, सभी कार्याें पर प्रोत्साहन राशि, टीए, डीए प्रदान किए जाने की मांग की लेकिन उत्तर प्रदेश में दशकों से किए जा रहे अनेक कार्यों की प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जाता। उन्हें 74 निर्धारित कार्यों के अलावा भी कई विशेष जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, जिनके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं मिलता। कई कार्यों की प्रोत्साहन राशियों का वर्षों से पुनरीक्षण तक नहीं किया गया है। आधार प्रोत्साहन राशि, मंगल अभियान प्रोत्साहन व राहत राशि और राज्य वित्त से मिलने वाले भुगतान लंबे समय से बकाया हैं। उन्होंने मांग की कि सभी बकाया भुगतानों का एकमुश्त निस्तारण किया जाए।
विभाग में भ्रष्टाचार बन चुका है एक परम्परा -
वहीं आशाओं का कहना है कि सरकार और संबंधित विभागों ने उनकी समस्याओं के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और जिला स्वास्थ्य समितियां सामान्य शिकायतों के निस्तारण में भी उदासीन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार एक परंपरा बन चुका है।
लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए की आईसीसी/आईसीसीएएसएच कमेटी का गठन की मांग -
आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में आधार प्रोत्साहन व अन्य योजनाओं की बकाया राशियों का तत्काल भुगतान शामिल है। उन्होंने वर्ष 2018 से 2025 तक विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत आशा या आशा संगिनी के परिजनों को ₹2 लाख बीमा राशि और ₹10 लाख क्षतिपूर्ति देने की मांग की। इसके अतिरिक्त, वर्षों से लंबित प्रोत्साहन व अनुग्रह राशियों के ₹15 करोड़ का भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। वहीं अन्य मांगों में सभी जिलों में लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए आईसीसी/आईसीसीएएसएच कमेटी का गठन करना शामिल है, जिसमें आशा प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए साथ ही, वर्ष 2025 के बकाया भुगतान एवं राज्य वित्तीय अनुदान की राशि शीघ्र जारी करने की मांग की गई।
मांगें पुरी नहीं हुई तो कार्य बहिष्कार रहेगा जारी -
आशाओं ने कहा कि उन्हें महिनों से मानदेय और प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। दस्तक और संचारी रोग अभियान के लिए 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी अब तक नहीं मिली। चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वह कार्य बहिष्कार जारी रखेंगी।
ये रही मौजूद -
प्रदर्शन के दौरान आशा यूनियन की जिलाध्यक्ष तारादेवी, साविता, जानकी देवी, नाजमा, शिवांगी यादव, मेनिका, रामपरी देवी, सुशीला, ममता, अर्मिला देवी, कमलावती, चम्पा, अर्चिता देवी, गीता, सीता, प्रमिला, मंजू, निर्मला, राधिका, संगीता, बंदा देवी, सीमा, और मीना शामिल थीं।



