Sonbhadra News : जिले में दिखा 'ब्लड मून' का अद्भुत दृश्य, रात में अद्भुत खगोलीय घटना देख लोग हुए हैरान
चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है और आज जनपद सोनभद्र सहित पूरा देश इसका गवाह बना। रात करीब 9:58 बजे चंद्रग्रहण शुरू हुआ और 8 सितंबर की देर रात 1:26 बजे समाप्त हो गया। 82 मिनट की यह अद्भुत घटना....

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1:36 PM, September 8, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है और आज जनपद सोनभद्र सहित पूरा देश इसका गवाह बना। रात करीब 9:58 बजे चंद्रग्रहण शुरू हुआ और 8 सितंबर की देर रात 1:26 बजे समाप्त हो गया। 82 मिनट की यह अद्भुत घटना सोनभद्र सहित देश के अधिकांश हिस्सों से देखी गई, इसलिए इसके प्रति लोगों का उत्साह भी बरकरार रहा।
122 वर्ष बाद दिखा अद्भुत नजारा -
122 साल बाद पितृ पक्ष के पहले दिन खग्रास चंद्रग्रहण के चलते शनिवार दोपहर पंचमुखी महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। वहीं, रात दस बजे के बाद चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा देखने के लिए लोग बेताब रहे। स्वर्ण जयंती चौक, सिविल लाइन रोड, इमिरती कॉलोनी, रेलवे फटाक रोड सहित अन्य जगहों पर छतों पर लोगों ने चांद के पल-पल बदले रूप को देखा।
खाद्य सामग्री में डाली गई तुलसी पत्ती -
हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को और सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है। खगोलशास्त्र के अनुसार, पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, जबकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है. कभी-कभी ऐसा होता है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. यदि चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाए, तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्र ग्रहण होता है। आचार्य शिवकुमार शास्त्री ने बताया कि खाद्य सामग्री में तुलसी की पत्ती डाली गई। उन्होंने बताया कि यह चंद्रग्रहण 122 साल बाद आया है। चंद्र के आरंभ के बाद लोगों ने विभिन्न सावधानियों का भी पालन किया।
ग्रहण के दिन कारोबर रहा प्रभावित -
उधर, व्यापारी नेता सचिन गुप्ता ने बताया कि "शहर के अधिकतर व्यापारियों ने अन्य दिनों के मुकाबले रात में पहले ही प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया था। सूतक काल के बाद बाजार प्रभावित हुए। पूरे दिन शहर में लोगों ने फल, सब्जी, खाद्यान्न आदि की खरीदारी नहीं की। चंद्रग्रहण के कारण दिन का कारोबार भी प्रभावित हुआ।"
सुबह मंदिरों में हुआ शुद्धिकरण का कार्य -
चंद्र ग्रहण के सूतक काल समाप्त होने के बाद शिवालय और देवालयों में शुद्धिकरण का कार्य किया गया। ऐसे में ज्यादातर मंदिरों के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए आज सुबह 5:30 बाद खुलें। हालांकि कुछ लोगों ने घरों में शुद्धिकरण का कार्य रात्रि में और कुछ ने आज सुबह किया। रात्रि 1 बजे से रात्रि 2 बजे तक लोगों ने साफ सफाई के बाद स्नान किया और सूर्याेदय के साथ पूजन के उपरांत भोजन ग्रहण किया।