Sonbhadra News: बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के सभी खनन कार्य जांच तक तत्काल बंद किए जाएं, अपना दल नेता ने की जांच की मांग
बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में 15 नवंबर 2025 को हुए भूस्खलन हादसे के बाद अपना दल के नेता रविंद्र सिंह यादव ने क्षेत्र में चल रहे सभी खनन कार्यों की गहन जांच हो।

sonbhadra
9:05 PM, November 16, 2025
घनश्याम पांडेय (संवाददाता)
ओबरा । बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में 15 नवंबर 2025 को हुए भूस्खलन हादसे के बाद अपना दल के नेता रविंद्र सिंह यादव ने क्षेत्र में चल रहे सभी खनन कार्यों की गहन जांच और उन्हें तत्काल बंद करने की मांग की है। यादव ने बताया कि इस हादसे में पनारी ग्राम पंचायत के कई मजदूर दब गए। बचाव कार्य अभी भी जारी है, जिसमें विभिन्न विभागों की टीमें लगी हुई हैं, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लगभग 18 मजदूरों के दबे होने की आशंका है, जिनमें से एक या दो शव निकाले जा चुके हैं, जबकि अन्य अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। अपना दल के पूर्व प्रदेश सचिव रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि खनन क्षेत्र में हादसे लगातार होते रहे हैं, लेकिन यह घटना अत्यधिक गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोनभद्र दौरे के दौरान भी खनन कार्य बंद नहीं हुए, और केवल एक दिन के बंद से समस्या का समाधान नहीं होगा। यादव ने खनन विभाग, जिलाधिकारी और स्थानीय थाने पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मानकों के विपरीत 9 कंप्रेसर चल रहे थे, जिससे लगभग 18-20 मजदूर कार्यरत थे। उन्होंने यह भी कहा कि बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र की खदानें जर्जर हो चुकी हैं और खनन के योग्य नहीं हैं। रविंद्र सिंह यादव ने दावा किया कि प्रशासन को पहले भी इन खदानों के निरीक्षण और बंद करने के लिए अवगत कराया गया था, लेकिन सक्रियता न दिखाने के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले में जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और सभी प्रभावित मजदूरों को न्याय मिले।उन्होंने मृतक मजदूरों के परिवार वालों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा और स्थानीय फैक्ट्रियों में परिवार के सदस्यों को रोजगार मुहैया कराने की भी मांग की, ताकि उनके घर वालों का भरण-पोषण चल सके। यादव ने कहा कि क्षेत्र में एक तरीके से पूरा अवैध खनन ही चल रहा है और कोई भी खदान खनन करने लायक नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।



