Sonbhadra News : रेलवे अधिकारियों के एक फैसले ने बिगाड़ दी अपने कर्मचारियों की होली, सनातन पर भी मंडराने लगा खतरा
एक तरफ बीजेपी सनातन धर्म को बढ़ाने में जुटी हैं, वहीं यूपी और केंद्र की डबल इंजन की सरकार से ही सनातन धर्म पर खतरा मंडरा रहा है ।

रेलवे अधिकारियों के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते बच्चे
sonbhadra
11:15 PM, March 13, 2025
शान्तनु कुमार/घनश्याम पांडेय
चोपन (सोनभद्र) । एक तरफ बीजेपी सनातन धर्म को बढ़ाने में जुटी हैं, वहीं यूपी और केंद्र की डबल इंजन की सरकार से ही सनातन धर्म पर खतरा मंडरा रहा है ।
मामला चोपन रेलवे से जुड़ा हुआ है । चोपन रेलवे के पास स्थित गार्ड कालोनी सबसे पॉश व अच्छा कालोनी माना जाता है । गार्ड कालोनी में स्थित खेल मैदान न सिर्फ बच्चों के लिए उपयोगी है बल्कि वहां बना दुर्गा स्टेज पिछले कई दशकों से लोगों के आस्था का केंद्र बना है । लेकिन पिछले कुछ दिनों से रेलवे विभाग के एक निर्णय ने रेलवे कर्मचारी सहित स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया है । बन्द कमरे में बैठकर व बिना स्थलीय निरीक्षण किए लिए गए फैसले ने लोगों की होली तक बिगाड़ दिया है । बच्चे त्योहारों में मस्ती करने के बजाय तख्ती लेकर अधिकारियों से अपने तुगलकी फरमान को वापस लेने की गुहार लगा रहे हैं ।
दरअसल पूर्व मध्य रेलवे चोपन के प्लेटफॉर्म एवं पार्किंग सुंदरीकरण का विकास अमृत भारत योजना के अंतर्गत हो रहा है । उसी के तहत गार्ड कलोनी के उतरी छोड़ से लगभग 7 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण गार्ड कालोनी के बीच खेल मैदान के बीचों बीच प्लेटफार्म जाने के लिए किया जा रहा है। इस सड़क निर्माण से जहां बच्चों का बचपन छिनने का डर मंडरा रहा है । वहीं सनातन पर भी खतरा बढ़ गया क्योंकि सड़क बनने के बाद अब वहां कई दशकों से होने वाला दुर्गा पूजा तथा अन्य कार्यक्रम अब बन्द हो जाएंगे । अधिकारियों के इस तुगलकी फरमान के बाद से रेलवे कर्मचारियों के साथ उनकी पत्नी व बच्चों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है । बच्चे ने तो बकाया तख्ती पर हमारा बचपन मत छीनो, हमें खेलने दो, जैसे स्लोगन लिखकर घर से बाहर निकल पड़े हैं ।
ऐसे में अब देखना यह होगा कि अधिकारियों द्वारा बंद कमरे में बिना निरीक्षण के लिए गए इस फैसले पर अब सरकार क्या फैसला लेती है । लेकिन इस तुगलकी फरमान ने न सिर्फ चोपन में रेलवे कर्मचारियों की होली बिगाड़ दी बल्कि आस्था से जुड़े लोगों के लिए भी एक बड़ा समस्या खड़ा कर दिया । क्योंकि सरकारी नियम के अनुसार प्रशासन किसी नए स्थान पर पूजा होने नहीं देगा और रेलवे अधिकारियों के इस बेतुके फैसले ने सनातन धर्म पर भी खतरा डाल दिया है । अब देखने वाली बात यह है कि रेलवे के अधिकारी अब इस पर क्या फैसला लेते हैं । लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि जब यह फैसला लिया जा रहा था तो स्थानीय अधिकारी वहां चुप्पी क्यों साधे रहे ।