Sonbhadra court news : गैंगस्टर एक्ट: दोषी गैंग लीडर समेत पांच को 3-3 वर्ष की कठोर कैद
विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर किसान चौहान समेत सक्रिय गैंग पांच सदस्यों को 3-3 वर्ष की कठोर कैद एवं 10-10 हजार जुर्माना।

sonbhadra
6:50 PM, September 8, 2025
राजेश पाठक (संवाददाता)
* 10-10 हजार रूपये अर्थदंड , अर्थदंड न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
* करीब 16 वर्ष पूर्व गैंगेस्टर एक्ट में दर्ज हुआ था मुकदमा
सोनभद्र। करीब 16 वर्ष पूर्व दर्ज हुए गैंगेस्टर एक्ट के मामले में विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर किसान चौहान समेत सक्रिय गैंग पांच सदस्यों को 3-3 वर्ष की कठोर कैद एवं 10-10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक शफीक अहमद खान ने रॉबर्ट्सगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 23 सितंबर 2009 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में था तो पता चला कि किसान चौहान निवासी गौरही, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र का एक सक्रिय गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। इसके अलावा गैंग के सक्रिय सदस्य सुखराम , श्यामलाल, घूरे व संजय पटेल शामिल हैं। इनके विरुद्ध चोरी, वन अधिनियम, खनिज एवं खान अधिनियम समेत कई मुकदमा विचाराधीन है। लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हेतु कार्य करना इनका एकमात्र कार्य है। यहीं वजह है कि इनके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है। जिसकी वजह से इनका वर्चस्व कायम है। इस तहरीर पर 23 सितंबर 2009 को रॉबर्ट्सगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज किया गया था। विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर किसान चौहान, सक्रिय सदस्य सुखराम घूरे,श्यामलाल व संजय पटेल को 3-3 वर्ष की कठोर कैद एवं 10-10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील धनंजय शुक्ला ने बहस की। दोषियों को जिला कारागार सोनभद्र भेजने का आदेश दिया गया है।