Shahjahanpur news : कविताएं केवल मनोरंजन ही नहीं सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है - मिजाजी लाल
काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष के अवसर पर जिला कारागार शाहजहांपुर में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया

shahjahanpur
6:29 PM, August 11, 2025
★ काकोरी शताब्दी वर्ष पर कारागार में कवि सम्मेलन संपन्न
शाहजहांपुर। काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष के अवसर पर जिला कारागार शाहजहांपुर में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका संयोजन हास्य व्यंग्य कवि विजय तन्हा ने किया। ज्ञातव्य है कि हर वर्ष काकोरी एक्शन वर्षगांठ पर एवं गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को कवि सम्मेलन आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम का शभारंभ अतिथियों एवं समस्त कवियों ने मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं मल्यार्पण करके किया मां शारदे की वंदना लखनऊ से पधारी कवियित्री वर्षा श्रीवास्तव ने प्रस्तुत की।
इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कवि सम्मेलन कारागार के बंदियों का मनोरंजन ही नहीं वल्कि सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है व कवियों की हास्य कविताएं बंदियों को खुलकर हंसने का अवसर प्रदान करती हैं।
डॉ इन्दु अजनबी ने मुक्तक के माध्यम से कहा -
घनी-घनी सी दिलासा रहे ये ठीक नहीं।
सिर्फ़ संयम की ही भाषा रहे ये ठीक नहीं।
मेरी बदली तुझे, इस बार बरसना होगा,
बहुत दिनों कोई प्यासा रहे ये ठीक नहीं।।
काकोरी से पधारे ओजस्वी कवि अशोक अग्निपथी ने अपनी ओजस्वी कविताओं के माध्यम से जोश भर दिया -
यदि काकोरी की माटी का स्वर्णिम इतिहास नहीं होता।
तो हम सबके इस जीवन में माधुरिम मधुमास नहीं होता।
बंथरा से पधारे हास्य कवि कृष्ण कुमार मौर्य सरल ने बेहतरीन मंच संचालन करते हुए देशभक्ति की रचना प्रस्तुत की -
समर्पण त्याग सेवा धर्म का उत्कर्ष लिख देना ।
राष्ट्र पर प्राण अर्पण का अमिट आमर्ष लिख देना ।
यही है प्रार्थना जब भी हो मेरा जन्म धरती पर ,
हमारे भाग्य में भगवान भारतवर्ष लिख देना।।
कवि सम्मेलन संयोजक हास्य कवि विजय तन्हा ने कहा -
लड़की यदि देखने को जाएं आप श्रीमान
कुण्डली मिलाने का बवाल मत कीजिए।
बेटी की जगह यदि रीझ जाएं सासू जी तो
ले लाइए साथ में मलाल मत कीजिए।
लखनऊ से आए हास्य कवि संदीप अनुरागी ने श्रोताओं को लोटपोट करा दिया -
अतना जादा चोटानि छोटे, सब खाना पानी भूला है।
भोरहे शीशा मा मुह देखिन, तौ हनूमान कस फूला है।
लखनऊ से पधारी कवियित्री वर्षा श्रीवास्तव ने गीतों के माध्यम से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया -
नहीं मैं अश्क जो आँखों से गिरा दी जाऊँ।
मैं वो काजल हूँ जो पलकों पे बिठाई जाऊँ।
शख़्सियत अपनी है सोने की कंगन जैसी,
नहीं मैं कांच की चूड़ी जो तोड़ दी जाऊँ।।
बाराबंकी से पधारे हास्य कवि प्रदीप महाजन ने श्रोताओं को हंसते हुए कहा -
गर्लफ्रेंड नाम की प्रजाति एक होती ऐसी,
लूटकर ब्वाय फ्रेंड मन खिल जाता है।
मीठी मीठी बातें बोल खून पीती रहती हैं
इनकी डिमांड सुन भेजा हिल जाता है।
बाराबंकी से पधारे संजय शर्मा ने कहा -
कृष्ण जब अपनी मुरली बजाने लगे
राधिका के कदम डगमगाने लगे
रास रचना लगा फिर मेरे दोस्तों
पंछी भी मिल मधुर गीत गाने लगे।
बालकवि सुब्रत ने कविता पढ़ते कहा -
एक रहे सब नेक बने अखंड बनाएं ये भारत।
नफरत दिल से दूर भगाएं सबजन मिलकर करें इबादत।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल यादव, समाजसेवी हरि शरण बाजपेई, समाजसेवी राजू बग्गा, समाज सेविका पूनम मेहरोत्रा, राजेश यादव, कारागार विभाग की ओर से जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता, डिप्टी जेलर कृष्ण कुमार पाण्डेय, सुभाष चंद्र यादव, राघवेंद्र सिंह, पूनम तिवारी आदि सहित अनेकों लोग मौजूद रहे। कवि सम्मेलन की समापन पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।