सोनभद्र

Sonbhadra News : समय-समय पर एक कान बन्द कर दूसरे कान की श्रवण शक्ति का स्वयं करें परीक्षण – सीएमओ

आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)

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सोनभद्र । आज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में “विश्व श्रवण दिवस” के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि “समय-समय पर एक कान बन्द कर दूसरे कान की श्रणव शक्ति का परीक्षण स्वयं से करते रहे। जिससे समय पर श्रवण क्षमता में किसी भी प्रकार की कमी का पता चल सके/रोग होने पर प्रशिक्षित/विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराएं। कार्यकम को सभी उपस्थित लोग अपने एक मिशन के रूप में आस-पास के लोगो को श्रवण शक्ति के प्रति जागरूक करें। स्कूल हेल्थ कार्यकम में भी टीचर एवं बच्चों को श्रवण शक्ति क्षमता हेतु जागरूक करें।”

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रेमनाथ ने बताया कि “विश्व श्रवण दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगो में श्रवण शक्ति को लेकर जरगरूक रहना है। सुनने की क्षमता प्राथमिक होने के कारण तो रोग एव समस्या पैदा होती है उनको नियमित करने में देश की जीडीपी का एक अंश प्रभावित होता है। इस वर्ष की थीम “Changing mind-sets: Let’s make ear and hearing care a reality for all” रखी गई है। इसमें सुनने की शक्ति कम होने या बहरापन होने से समय से बचाव की आवश्यकता है। डब्लूएचओ के अनुसार 2050 तक विश्व में 700 मिलियन रोगी श्रवण सम्बन्धी रोगो के हो सकते है। सामान्य तौर पर श्रवण शक्ति को प्रभावित करने वाले कारण शोर-गुल, तेज आवाज में संगीत, इयरफोन का प्रयोग एवं हेडफोन का प्रयोग एवं गलत ढंग से कान की सफाई आदि चिन्हित है।”

प्रोफेसर डॉ0 प्रीतम पाठक ने बताया कि “लोगों की सुनने की क्षमता कम हो रही है। जिसका मुख्य कारण ईयरफोन, हेडफोन का प्रयोग करना पाया गया है। तेज आवाज के डीजे एवं संगीत के प्रयोग से भी बहरेपन या पूर्ण रूप से बहरापन हो जाने की सम्भावना रहती है। शुरू में वर्ष 2007 से यह दिवस “विश्व अंर्तराष्ट्रीय कान देखभाल दिवस” के रूप में मनाया जाता था 2016 से वर्तमान रूप में आयोजित हो रहा है। दो प्रकार के श्रवण यंत्र एनालॉग व डिजिटल बाजार में उपलब्ध है। एनालाग सस्ता है परन्तु गरीबो में समय के साथ-साथ चिडचिडापन उत्पन्न करता है। बहुत बार मरीज कम सुनने की समस्या को गम्भरता से नहीं लेते है स्वयं ही इलात करने लगते हैं और कान दर्द की दवा स्वयं खरीदकर डालते हैं और गलत तरीके से कान साफ करते है। जिससे समस्या खत्म होने के स्थान पर बढ़ जाती है। कान दर्द होन पर या कम सुनाई देने की समस्या होने पर तत्काल जिला चिकित्सालय या मेडिकल कालेज के चिकित्साधिकारी/विशेषज्ञ को दिखाकर ही इजाल करायें प्राथमिकता पर समय से इजाज न करने पर समस्या बढ़ सकती है। बाजार में उपलब्ध ईयरबड के प्रयोग से भी बचे। मेडिकल कालेज में स्वयं किस प्रकार इयरबड बनाकर कान साफ कर सकते ह प्रशिक्षण दिया जाता है।”

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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल एनसीडी डॉ0 प्रेमनाथ, डॉ0 गणेश प्रसाद जनरल फिजिशियन, असि0 प्रोफेसर ईएनटी राजकीय चिकित्सालय महाविद्यालय सोनभद्र डॉ0 प्रीतम पाठक, जिला मलेरिया अधिकारी डी0एन0 श्रीवास्तव, राहुल कुमार कन्नौजिया फाइनेन्स कम लॉजिस्टिक कंसल्टेंट एनसीडी, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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