आनन्द कुमार चौबे/अखिलेश सिंह (संवाददाता)
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सोनभद्र । सोनभद्र में एक बार फिर से मां की ममता कलंकित हुई। 9 महीने कोख में पालने के बाद एक कलयुगी निर्दयी मां ने नवजात शिशु को नदी के किनारे भगवान भरोसे छोड़ दिया। वहां से गुजरने वाले लोगों ने जब बच्चों के रोने की आवाज़ सुनी तो ग्रामीणों का दिल पसीज गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सुचना तत्काल ग्राम प्रधान को दिया।
आज दोपहर में पन्नुगंज थाना क्षेत्र के बनौरा गांव के पास स्थित बेलन नदी पर बने पुल के किनारे ग्रामीणों को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ी, ग्रामीणों ने ज़ब पास जाकर देखा तो एक नवजात झाड़ियों में पड़ा था और उसका रो-रो कर बुरा हाल था। ग्रामीण उसे पुल के किनारे से उठाकर बाहर लाए और इसकी सुचना ग्राम प्रधान बबलू खान को दिया। ग्राम प्रधान ने तत्काल इसकी सुचना चाइल्ड लाइन व स्थानीय पुलिस को दी।
घटना की सुचना पाकर जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक, ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे व बाबु अहमद की संयुक्त टीम गठित कर तत्काल मौके पर भेजा। टीम ने थाना पन्नूगंज से समन्वय स्थापित करते हुए उप निरीक्षक रामज्ञान सिंह यादव, मुख्य आरक्षी अनिलेश सिंह, धनञ्जय राय एवं महिला आरक्षी साधना पाण्डेय, सुनैना गौड के साथ ग्राम बनौरा पहुंचे। जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने नवजात शिश को अपने संरक्षण में लेते हुए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चतरा (तियरा) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों द्वारा नवजात का उपचार किया जा रहा है।
वहीं नवजात शिशु के मिलने को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। आशंका जताई जा रही है कि किसी ने लोकलाज के भय से उसे नदी किनारे मरने के लिए छोड़ दिया। जन्म देने वाली मां की नवजात को लावारिस मरने के लिए छोड़ दिए जाने को लेकर लोग कोस रहे है।
वहीं संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक द्वारा बताया कि संदिग्ध परिस्थितियों में बनौरा स्थित बेलन नदी के पुल के किनारे एक अज्ञात नवजात शिशु (बालिका) जीवित अवस्था में मिली है। नवजात का प्राथमिक उपचार कराया जा रहा है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील भी किया है कि यदि घटना के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त होती है तो इसकी सुचना तत्काल सम्बंधित थाने, जिला बाल संरक्षण इकाई, थाना मानव तस्करी रोधी इकाई, बाल कल्याण समिति को दें।