धर्मेन्द्र गुप्ता(संवाददाता)

विंढमगंज(सोनभद्र)।आस्था का महापर्व सूर्य षष्टी ब्रत के तीसरे दिन नदी की जलधारा में खड़ी होकर ब्रती महिलाओं ने अस्चलगामी सूर्य को अर्घ दिया।इस ब्रत को महापर्व के रूप में मनाने वाले श्रध्दालुओं की भीड़ छठ घाटों पर उमड़ पड़ी।सूर्य उपासना का महाव्रत सम्पूर्ण ब्रह्मांड को सुख देने वाला होता है।इस व्रत को करने से सुखद अनुभूति होती है।
भगवान भाष्कर के उपासना में डुबे हुये सुर्यदेव के निराजल व्रत के बाद भी व्रती महिलाएं व पुरुषों में काफी उत्साह देखा गया।फुलवार के मलिया नदी के पावन तट पर महिला-पुरुष श्रध्दालुओं ने डुबते हुये भगवान भास्कर को अर्घ दिया।तमाम व्रती महिलाएं सडक पर दण्डवत करते हुये छठ घाटों तक पहुची।

मलिया नदी के पावन महिलाएं रास्ते मे छठ माता के गीत”काँच ही बॉस के बहँगीया,बहंगी लचकत जाए,इत्यादि गीतों से गुंजायमान था।

सुरक्षा व्यवस्था में विंढमगंज पुलिस मौजूद रही।इससे पूर्व सुबह से ही ग्राम प्रधान अरविन्द जायसवाल तथा ग्राम प्रधान फुलवार दिनेश यादव के साथ युवाओं का एक दल छठ घाट पहुंच मार्ग का साफ-सफाई कर रहा था।जिसमें अमित कन्नौजिया, उपेंद्र श्रीवास्तव,राजू श्रीवास्तव,अरुण गुप्ता, सूरज कन्नौजिया, उदय शर्मा समेत दर्जनों लोग शामिल रहे। ब्रती महिलाएं रातभर नदी मे रहकर उपासना के पश्चात सोमवार को उगते हुये सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व की पूर्णाहुति करेंगे।