राजकुमार गुप्ता(संवाददाता)
घोरावल।घोरावल नगर के धर्मशाला प्रांगण में आयोजित 9 दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ, श्रीराम कथा एवं रासलीला मंचन शनिवार को संपन्न हो गया। सुबह यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।मुख्य यज्ञाचार्य पं हरीराम मिश्रा के नेतृत्व में विधि विधान से आहुतियां डाली गई। विशाल भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।इसके पूर्व शुक्रवार देर रात तक चले रासलीला मंचन में पूरा पंडाल दर्शकों से भरा रहा। वृंदावन से आए पं कैलाश चंद्र शर्मा ने अपनी नाट्य मंडली के साथ जालंधर की कथा का आकर्षक मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।भगवान शिव द्वारा अपना तेज समुद्र में फेंकने से महाशक्तिशाली जालंधर की उत्तपत्ति, जालंधर की तपस्या, देवी वृंदा से उसका विवाह, तीनों लोकों पर उसकी विजय, भगवान विष्णु द्वारा जालंधर का रूप धारण कर वृंदा का सतीत्व भंग करने से लेकर महादेव द्वारा जालंधर के वध का मंचन किया गया।
वहीं कथा कि अंतिम दिवस व्यासपीठ से पं दिलीपकृष्ण भरद्वाज जी ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई।उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक है,जिसका अनुकरण जीवन को सार्थक व कल्याणमयी बनाता है।भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में आए अनगिनत कष्टों की कोई परवाह नहीं किया सत्य, दया, करुणा, त्याग, प्रेम जैसे सर्वोच्च मानवीय मूल्यों की तत्कालीन समाज में पुनर्स्थापना की।विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र मौर्या, पूर्व चेयरमैन राकेश कुमार, बाबूलाल शर्मा, पप्पू मोदनवाल, कृष्णकुमार, रामानंद पांडेय, गणेशदेव पांडेय इत्यादि रहे।