सोनभद्र

हद कर दी आपने : ऐसी ईमानदारी किस काम की जिसमें लोग घायल हो जाएं, पढ़ें पूरी खबर

शान्तनु कुमार/आनन्द कुमार चौबे

सोनभद्र । जिले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की मौजूदगी के वावजूद अफसरों की मनमानी व तानाशाही का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे ।

रार्बटसगंज कोतवाली क्षेत्र के एकमात्र फ्लाईओवर पर बालू लदी ट्रक ड्राइवर के साथ खनन निरीक्षक और गार्डों द्वारा मारपीट कर उसे फ्लाईओवर के नीचे फेकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना में ट्रक ड्राइवर बुरी तरह से घायल है। घायलावस्था में उसे स्थानीय निवासियों द्वारा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

गाजीपुर निवासी रवि शर्मा (38वर्ष) पुत्र सुरेश शर्मा ने एक बड़ा बयान देते हुए न सिर्फ प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मचा दिया बल्कि कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिया ।

रवि शर्मा ने बताया कि वह ट्रक ड्राइवरिंग का कार्य करता है । आज सुबह तकरीबन 7 बजे वह चोपन से बालू लाद कर गाजीपुर जा रहा था, जैसे ही वह रॉबर्ट्सगंज स्थित फ्लाईओवर पर पहुंचा ट्रक खराब हो गई जिसे वहीं फ्लाईओवर पर ही बनवाने लगा। उसी दौरान खनन निरीक्षक ईश्वर चंद्र और तीन चार की संख्या में गार्ड पहुंचे और जांच के नाम पर उसके साथ गली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगे, जिससे डर कर वह भागने लगा इतने में गार्डों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया और फ्लाईओवर के नीचे धकेल दिया । जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। उसके बाद स्थानीय निवासियों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है । आज सुबह जब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जिला अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचे तो अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे लेकिन संयोग था कि डिप्टी सीएम अस्पताल निरीक्षण कर चले गए ।

आपको बतादें कि खनन निरीक्षक पर इस तरह का यह कोई पहला आरोप नहीं है इसके पूर्व भी उन पर कई आरोप लगते रहे हैं। अभी हाल ही में ओवरलोड ट्रकों को दौड़ाकर पकड़ने के दौरान उनके वाहन से कुचलकर एक महिला की मौत हो चुकी है, उस मामले में मुकदमा तक दर्ज है।

बड़ा सवाल तो यह हैं कि ईमानदारी से काम करना गलत नहीं है लेकिन कार्य के दौरान अपने पावर का दुरुपयोग करना गलत है और वह भी तब जब जिले में डिप्टी सीएम की मौजूदगी हो।

कुल मिलाकर खनन विभाग द्वारा निरीक्षक को आगे कर जो खेल खेला जा रहा है वह जगजाहिर है मगर खनन निरीक्षक की मनमानी जिस तरह से लगातार बढ़ रही है यह कहीं शासन-प्रशासन के लिए गले का फांस न बन जाए ।

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