सोनभद्र

रामकथा का श्रवण करने से शारीरिक एवं मानसिक शुद्धीकरण होता है

राजेश कुमार (संवाददाता)

● व्यक्ति को पहले मानव बनना जरूरी है- नरेंद्राचार्य

बभनी । श्री हरिशंकर मन्दिर असनहर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ एवं रामकथा में प्रथम दिवस के राम कथा में परम पूज्य स्वामी नरेंद्राचार्य जी महाराज के द्वारा मंगलाचरण व अयोध्या महिमा का वर्णन किया गया। प्रवचन में श्री स्वामी ने बताया कि रामकथा सुनने से व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक शुद्धिकरण होता है तथा सांसारिक दुखों से भी छुटकारा मिलता है। जो व्यक्ति जितनी बार राम कथा का श्रवण करेगा उसे उतना ही ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। सब धन खर्च करने से घटता है लेकिन राम नाम धन ऐसा है जो कि जपने से बढता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य पढ़ाई करने के लिए डाक्टर, इंजीनियरिंग तथा अन्य पदों पर कार्य करने के उच्च पद पर बैठते हैं।कहा कुछ भी बनने से पहले मानव बनना जरूरी है। पहले मानव बनें।रामकथा की महिमा अनंत है। राम कथा सुनने से मन निर्मल होता है। राम कथा संस्कार मर्यादा और जीवन जीने की कला सिखाती है। राम कथा पापों, कष्टों, दुखों संताप और शोक का नाश करने वाली है। रामकथा सुनने से प्रभु श्री राम की कृपा मिलती है। राम कथा जीवन के दोषों का नाश करती हैं ।
कलयुग में पापों से मुक्ति एवं सांसारिक आवागमन से मुक्ति का मात्र एक साधन है। जहां रामकथा होती है वहां सभी देवता सपरिवार विराजमान होते है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

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