सोनभद्र

सती चरित्र एवं शिव पार्वती विवाह का कथा सुन भावविभोर हुये श्रद्धालु

घनश्याम पाण्डेय(संवाददाता)

चोपन। नगर के प्रीतनगर गड़ईडीह में श्री श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहे संगीतमय श्री राम कथा के द्वितीय दिवस में पूज्य महाराज जी ने सती चरित्र एवं शिव पार्वती की विवाह की कथा सुनाई। कथा के दौरान पंडित दिलीप कृष्णा भारद्वाज महाराज जी ने बताया कि निर्मल मन से जिसे ध्याते हैं परमात्मा बीच-बीच में राम बनके कभी श्याम बनके भक्तों से मिलने आया करते हैं और शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस दौरान शिव पार्वती का मनोहारी झांकी भी निकाली गई कथा व्यास ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। शिव-पार्वती विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे।इस अवसर पर बारमती देवी, सुनील सिंह, आर पी राम, अभिषेक दूबे, दिनेश पाण्डेय, शैलेश उपाध्याय, विकास सिंह छोटकू, दीनदयाल सिंह, रामकुमार मोदनवाल, अरविंद उपाध्याय, हेमंत जायसवाल सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे संचालन मनोज चौबे ने किया|

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