बृजेश शर्मा मंटू (संवाददाता)
डाला । मयूरभँज को पुनः राज्य बनाने की मांग में बारीपदा से राष्ट्रपति भवन दिल्ली पदयात्रा में मयूरभांज “मासा आर्मी” के प्रदेश अधक्ष्य सुकुलाल मरांडी के नेतृत्व में निकले पाँच युवक । आपको बताते चलें कि वाराणसी शक्तिनगर राज्य मार्ग पर स्थित डाला बाजार मे रविवार की सुबह में पांच युवको को हाथ में राष्ट्रध्वज लेकर पदयात्रा करते हुए देख सभी स्थानीय लोगों का ध्यान इन पद यात्रियों पर पड़ा तो पद यात्रा में शामिल पांचो युवकों मे मयूरभांज मासा आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सुकूलाल मरांडी ने बताया कि देश आज़ादी के बाद मयूरभांज एक राज्य था इसे मर्जर एग्रीमेंट के तहत 1 जनवरी 1949 को ओड़िशा के साथ जबरन सम्मिलित किया गया । तभी से मयूरभांज का काला दीन शुरू हो गया है । मयूरभांज कभी विकसित राज्य हुआ करता था । मयूरभांज जब राज्य था तब रोज़गार के लिए बहुत सारे कारख़ाना था । आवागमन के लिए रेल सेवा की सुविधा थी । रासगबीन्दपुर से उड़ान सेवा भी था l जब से मयूरभांज उड़ीसा के अधीन में आया तभी से मयूरभांज वासियों को सभी मूलभूत सुवीधाओं से वंचित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमु जी से मिल कर एक ज्ञापन पत्र सौंपेंगे और इस मर्जर एग्रीमेंट को निरस्त करने का मांग करेंगे और मयूरभांज को फिर से राज्य बनाए जाने की मांग करेंगे । अगर मयूरभांज को फिर से राज्य का दर्जा मिलेगा तो मयूरभांज के सभी लोगों के विकास होने के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार, रेल, बिजली, पानी, पर्यटन का, आदीवासी भाषा, क्रीड़ा, कृषि इत्यादि सभी मौलिक सुविधा मिलने के साथ साथ लोगों का सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र का भी विकास होगा l मिश्रण चूकती के विरोध में काला दिवस पालन करके पदयात्रा 1जनवरी से आरंभ किया गया है ।
पदयात्रा में सुकुलाल मरांडी के साथ करुणाकर सरेन, लक्ष्मीकान्त बास्के, बादल मरांडी, सावना मुरमु प्रमुख शामिल है।