विद्यालय में एक घंटे कैद रही मासूम, शिक्षकों ने बिना देखे स्कूल कर दिया बंद
जिन टीचरों के भरोसे सीएम योगी सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने व बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना चाहते हैं, उन टीचरों की कार्यप्रणाली देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे । यूं तो सरकारी स्कूलों में टीचरों के रेगुलर न आने और न पढ़ाने का आरोप लगता रहा है। लेकिन सोनभद्र के एक स्कूल की घटना ने अब टीचरों पर बच्चों से काम लिए जाने का प्रमाण भी दे दिया है । दरअसल शुक्रवार को विसुंधरी उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 2 की एक छात्रा छुट्टी होने के बाद भी घर नहीं पहुंची तो घर वाले चिंतित हो उठे । लेकिन उन्हें लगा कि छोटी बच्ची है किसी बच्चे के साथ खेल रही होगी । इसी बीच खिड़की से एक छात्रा के रोने की आवाज सुनाई पड़ने लगी। आसपास रहने वाले लोगों ने जब विद्यालय के कमरे की तरफ देखा तो स्कूल की बेंच पर बैठकर एक मासूम रोती नजर आयी । और बाहर निकालने के लिए शोर मचा रही थी। शोर सुनकर मौके पर पूर्व प्रधान सहित कई ग्रामीण इकट्ठा हो गए। फिर पूरे घटनाक्रम की जानकारी अध्यापकों को दी गई। लेकिन सभी अध्यापक घर चले गए थे। जिससे छात्रा को निकालने में देर हो रही थी । मासूम छात्रा के रोने की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने एक बार फिर अध्यापकों से संपर्क साधा । जिस पर अध्यापक ने फोन पर ताला तोड़कर छात्रा को बाहर निकालने की बात कही । जिसके बाद वहां उपस्थित सभी की मौजूदगी में ताला तोड़कर मासूम छात्रा को कमरे से बाहर निकाला गया ।