Sonbhadra News : वाह रे स्वास्थ्य विभाग! डॉक्टर क़ो पता ही नहीं और उनकी डिग्री पर तीन वर्षों से संचालित हो रहा पैथोलॉजी लैब
कुटरचित तरीके से डॉक्टर की डिग्री का उपयोग कर अस्पताल और पैथॉलोजी सेंटर के पंजीयन का खेल जनपद सोनभद्र के लिए कोई नया नहीं है। ज़ब भी ऐसा कोई मामला सामने आता है जाँच की बात कह कर मामले क़ो ठंडे बस्ते...

चिकित्सक डॉ0 सलिल प्रकाश सिंह
sonbhadra
6:24 AM, March 12, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । कुटरचित तरीके से डॉक्टर की डिग्री का उपयोग कर अस्पताल और पैथॉलोजी सेंटर के पंजीयन का खेल जनपद सोनभद्र के लिए कोई नया नहीं है। ज़ब भी ऐसा कोई मामला सामने आता है जाँच की बात कह कर मामले क़ो ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। ताज़ा मामले में एक निजी हॉस्पिटल के चिकित्सक ने उनकी जानकारी के बगैर ही उनकी डिग्री पर पिछले तीन साल से एक पैथॉलाजी सेंटर के संचालन का आरोप लगाया है साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री, डीएम, एसपी, सीएमओ क़ो मेल कर मामले की जानकरी दी है और थाने में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।
घोरावल स्थित एक निजी हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ0 सलिल प्रकाश सिंह ने थाने में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि "वह MBBS चिकित्सक हैं और वह घोरावल में ही अपना चिकित्सालय संचालित करते हैं। कुछ दिनों पूर्व उन्हें जानकारी मिली कि उनकी डिग्री पर एक पैथोलॉजी संचालित हो रही है। जाँच पड़ताल के बाद उन्होंने पता चला कि पिछले तीन वर्षों से उनकी डिग्री का उनकी जानकारी के बगैर कुटरचित तरीके से उपयोग कर घोरावल में स्थित शिव पैथोलॉजी के पंजीयन कराया गया है और यह पैथोलॉजी धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। चिकित्सक ने कहा कि उनकी डिग्री या तो उनके पास है या फिर अपने हॉस्पिटल के पंजीकरण के दौरान सीएमओ कार्यालय में जमा किया था अब उनकी डिग्री पर किसी और पैथोलॉजी सेंटर कैसे संचालित हो रहा है यह समझ के परे है। उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।"
वहीं पुरे मामले पर सीएमओ डाॅ0 अश्विनी कुमार ने अनभिज्ञता जताते हुए प्रार्थना पत्र मिलने पर मामले की जाँच करवाने की बात कही है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "यह एक बहुत ही गंभीर विषय है, यदि इस मामले में सच्चाई है तो यह स्पष्ट हो रहा है कि जिले में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है क्युंकि जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही कोई भी चिकित्सक दवा लिखता है और यदि जाँच ही अप्रशिक्षित कर रहे हैं तो उस जाँच रिपोर्ट का तो भगवान ही मालिक है। वैसे भी किसी MBBS चिकित्सक की डिग्री पर पैथोलॉजो का पंजीयन नहीं हो सकता।"
वहीं घोरावल थाना के प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल ने कहा कि "एक डॉक्टर ने कुछ लोगों पर मिलीभगत कर अपनी डिग्री के गलत उपयोग का आरोप लगाया गया है। तहरीर के आधार पर मामले में विस्तृत रिपोर्ट के लिए सीएमओ से पत्राचार किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।"
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है ज़ब डॉक्टर की डिग्री सीएमओ कार्यालय में जमा थी तो उनकी डिग्री शिव पैथोलॉजी के प्रबंधक के पास कैसे पहुँची तथा पिछले तीन वर्षों से बगैर डॉक्टर की डिग्री की जाँच किए व डॉक्टर से मुलाक़ात किए उक्त पैथोलॉजी के पंजीयन का नवीनीकरण कैसे हो रहा था, जबकि जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी ने अस्पताल, पैथोलॉजी और अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर के पंजीयन या नवीनीकरण के दौरान चिकित्सक से मिलने तथा GPS मैप कैमरे से अस्पताल, पैथोलॉजी और अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर के साथ डॉक्टर की फोटो लेकर ही पंजीयन या नवीनीकरण करने का निर्देश दे रखा है। ऐसे में इस पुरे मामले में सीएमओ कार्यालय के किसी कर्मचारी की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल पुरे मामले में क्या कुछ निकल कर सामने आता है यह तो जाँच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।