Sonbhadra News : मेडिकल कालेज में पहली बार आयोजित होगा वाउंड केयर कार्यशाला
स्वसाशी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में वाउंड केयर (घाव देखभाल) कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर तैयारी तेज हो गयी है। इस कार्यक्रम में बीएचयू वाराणसी के साथ ही अन्य प्रसिद्ध मेडिकल कालेजों....

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8:10 PM, July 16, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । स्वसाशी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में वाउंड केयर (घाव देखभाल) कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर तैयारी तेज हो गयी है। इस कार्यक्रम में बीएचयू वाराणसी के साथ ही अन्य प्रसिद्ध मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
बताते चलेें कि मेडिकल कालेज की स्थापना के बाद जनरल सर्जरी विभाग में सेवाओं व संसाधनों के विस्तार पर विशेष जोर है। जिससे अधिक से अधिक जटिल आपरेशन करने के साथ ही मरीजों को समय पर सही उपचार मिले। ऐसे में मेडिकल कालेज प्राचार्य प्रो0 सुरेश सिंह की पहल पर जनरल सर्जरी विभाग की ओर से वाउंड केयर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। शल्य चिकित्सा विभाग के एचओडी और असिसेंट प्रोफेसर डॉ0 बलवंत सिंह को कार्यक्रम का अध्यक्ष और असिसेंट प्रोफेसर डॉ0 प्रशांत शुक्ला व अमित गुप्ता को सचिव नियुक्त किया गया है। इनके नेतृत्व में ही 18 जुलाई को होने वाली इस कार्यशाला में अलग-अलग संस्थानों से विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। चिकित्सा क्षेत्र में उन्नत घाव उपचार तकनीकों को लेकर एक दिवसीय वाउंड केयर कार्यशाला में जिले के डॉक्टरर्स, नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मी हिस्सा लेंगे। कार्यशाला का उद्देश्य जटिल व पुराने घावों के प्रबंधन में नवीनतम तरीकों को साझा करना हैं। जिसमें चिकित्सकों के साथ ही स्टाफ को विशेषज्ञों द्वारा डाइबिटिक फुट अल्सर, प्रेशर सॉर, वेनस लेग अल्सर और सर्जिकल साइट इन्फेक्शन जैसे घावों के उपचार में आधुनिक ड्रेसिंग तकनीकों और नेगेटिव प्रेशर वाउंड थेरेपीकी भूमिका को विस्तार से समझाया जाएगा। इससे जुड़ा प्रशिक्षण का प्रैक्टिकल कराया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर सतनाम भारतीय, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, डिपार्टमेंट ऑफ़ जनरल सर्जरी, इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू होगे। जबकि कार्यक्रम की मुख्य वक्ता क्लिनिकल ट्रेनर, स्मिथ-नेफ्यू डॉ0 आरती भृगुनाथ होगी होंगी। इसके साथ ही कई विख्यात मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ भी कार्यशाला में शामिल होंगेे। कार्यशाला में प्रतिभागियों को उपकरणों के साथ हैंड्स-ऑन अनुभव भी कराया जाएगा और केस स्टडी के माध्यम से व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी।
बताते चलें कि मेडिकल कालेज की स्थापना के साथ ही जिले के इतिहास में इस तरह की यह पहली कार्यशाला है। मेडिकल कालेज प्रबंधन का मानना है कि कार्यशाला सर्वोत्तम घाव भरने के लिए आवश्यक कौशल सीखने और अभ्यास करने में मदद करेगा। इस कार्यक्रम में जटिल घावों, खरोंचों, शल्यक्रिया के बाद के घावों और न भरने वाले घावों की देखभाल और कौशल प्रशिक्षण शामिल है। इससे रेफर होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी। वहीं समय से उपचार मिलने से घाव गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ठीक किए जा सकेंगे।