Sonbhadra News : योगी राज में महिलाएं बन रही लखपति, सोनभद्र का बना साबुन पहुंचा जर्मनी
यूपी के आदिवासी जिले सोनभद्र में सीएम योगी की पहल से समूह की महिलाओ द्वारा ऐसा हर्बल साबुन बनाया गया है जिसे न सिर्फ प्रदेश में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है।

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6:36 PM, August 10, 2024
शान्तनु कुमार
सोनभद्र । 2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी की सबसे बड़ी प्राथमिकता सरकार के हर योजना का लाभ अंतिम पायदान में बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना था । साथ ही साथ ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूती प्रदान करना था ताकि महिलाएं आर्थिक व सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके । इसके लिए सीएम योगी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीवका मिशन के माध्यम से महिलाओं को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए। जिसका नतीजा अब सामने दिखने लगा है।
यूपी के आदिवासी जिले सोनभद्र में सीएम योगी की पहल से समूह की महिलाओ द्वारा ऐसा हर्बल साबुन बनाया गया है जिसे न सिर्फ प्रदेश में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। बकरी की दूध से बने इस हर्बल साबुन का नाम 'सोन सखी' रखा गया है । इस साबुन को तैयार करने के लिए समूह की महिलाएं बकरी का दूध इकट्ठा करने के लिए उन लोगों से संपर्क करती है जो ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन का काम करते हैं। इस पहल से बकरी पालन करने वालों को एक नया व्यापार मिल गया साथ ही बकरी पालन को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। समूह की महिलाओं द्वारा बकरी का दूध इकट्ठा करने के बाद इसमें ग्लिसरीन सहित हर्बल समान डालकर साबुन तैयार किया जाता है ।
समूह की महिलाओं का कहना है कि योगी सरकार ने उन्हें काफी आत्मनिर्भर बना दिया है । उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्र की वो महिलाएं जो कभी घर की चौखट पार नहीं करती थीं आज वो समूह का सामान बेच रही हैं और साथ ही देश विदेश में अपना नाम भी कमा रही है।
समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया गया हर्बल साबुन को लोग न सिर्फ पसंद कर रहे हैं बल्कि उनके मददगार भी बन रहे हैं । मीडिया क्षेत्र से जुड़ी इंदू पांडे हर्बल साबुन से काफी प्रभावित है। इंदु पांडेय न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी अपने लोगों को न सिर्फ इस साबुन को प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं बल्कि उन्हें खरीद कर सैंपल के तौर पर देती भी हैं । यही कारण है कि जापान सहित जर्मनी में इस साबुन को लोग जानने लगे हैं और इसकी मांग कर रहे हैं । इस संबंध में निजी कार्यों से जर्मनी दौरे पर गयी इंदु पाण्डेय से जब खबर यूपी ने बात की तो उन्होंने बताया कि वे पिछले एक सालों से इस हर्बल साबुन की मार्केटिंग कर रही हैं और खुद खरीद कर लोगों में बांट रही हैं। उनका कहना है कि इन आदिवासी महिलाओं के हुनर के बारे में लोगों को जानकारी होनी चाहिए। इससे न सिर्फ महिलाएं मजबूत होंगी बल्कि उनके आत्मविश्वास के साथ रोजगार भी बढ़ेगा । इंदु पांडेय ने बताया कि जर्मनी में जब लोगो ने इस साबुन का प्रयोग किया तो काफी तारीफ सुनने को मिला जिससे बेहद खुशी हुई ।
बहरहाल सीएम योगी ने देश के विकास में भागीदारी के लिए महिलाओं को जागरूक तो कर दिया लेकिन यह मुहिम तब तक अपने अंतिम स्वरूप तक नही पहुँच सकता जब तक कि इन महिलाओं के उत्पाद को सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग न करे। यदि सरकार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को ग्रामीण आजीविका मिशन के बने सामानों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें तो न सिर्फ इन महिलाओं को बहुत बड़ा बाजार मिल जाएगा बल्कि वे सरकार के सामाजिक लक्ष्य को भी पूरा कर सकती हैं।