Sonbhadra News : कुछ ही पल में 'गौरव दिवस' की खुशियाँ मातम में बदल गयी, आखिर जिम्मेदार पर कब होगी बड़ी कार्यवाही ?
एक खनन हादसे ने प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसका दी। ओबरा विधान सभा के बिल्ली मारकुंडी में खदान दरकने से दो मजदूरों की पत्थर के नीचे दबकर मौत हो गयी जबकि एक दर्जन मलबे में दबे हुए थे।

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7:39 AM, November 16, 2025
० गौरव दिवस को बिगाड़ने वालों पर होगी कार्यवाही- मंत्री
० अब तक खनन हादसे मामले में नहीं दिखी बड़ी कार्यवाही, जांच के नाम पर मामले को कर दिया जाता है रफा-दफा
० सीएम के कार्यक्रम के बाद हुआ दर्दनाक हादसा
० सीएम का है खनन विभाग
० हादसे के बाद भावुक दिखे मंत्री संजीव गोंड, खोली प्रशासन की पोल
सोनभद्र । महीने भर से सोनभद्र के ओबरा विधान सभा में बिरसा मुंडा की 150 वीं जन्म शताब्दी पर 'गौरव दिवस' को भव्य तरीके से मनाने के लिए तैयारियां चल रही थी। ओबरा विधान सभा के विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड खुद इस कार्यक्रम को लेकर लीड कर रहे थे। कार्यक्रम को और भी ज्यादा जीवंत व भव्य बनाने के लिए मंत्री संजीव गोंड सीएम योगी से मिलकर इस कार्यक्रम में आने के लिए आमंत्रित किया।
15 नवम्बर को सीएम अपने तय समय से ओबरा विधान सभा के चोपन कार्यक्रम स्थल पहुँच गए। कार्यक्रम की तैयारी व तमाम आदिवासी कार्यक्रमों को देखकर सीएम भी बेहद खुश नजर आये। उन्होंने अपने संबोधन में जिला प्रशासन तथा स्थानीय नेताओं की जमकर तारीफ की । सीएम के मुँह से तारीफ सुनकर जिला प्रशासन व मंत्री संजीव गोंड बेहद गदगद नजर आये। लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद जिला प्रशासन अभी रिलैक्स भी नहीं हो पाया था कि एक खनन हादसे ने प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसका दी। ओबरा विधान सभा के बिल्ली मारकुंडी में खदान दरकने से दो मजदूरों की पत्थर के नीचे दबकर मौत हो गयी जबकि एक दर्जन मलबे में दबे हुए थे। जिनका रेस्क्यू किया जा रहा था। देखते ही देखते गौरव दिवस मातम में बदल गया। जिलाधिकारी खुद घटना स्थल पर पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया। लेकिन उनके पास न मौत का आंकड़ा था और न ही घायलों की जानकारी। दरअसल उनके पास कोई जबाब ही नहीं था। जिलाधिकारी मीडिया के किसी सवाल का जबाब तक नहीं दे सके। लेकिन अगले ही पल ओबरा विधान सभा के विधायक व मंत्री संजीव गोंड ने भावुक मन से जिला प्रशासन व क्रेशर एसोसिएशन की पोल खोलकर रख दी। मंत्री संजीव गोंड ने कहा कि वे इस घटना से खुद आश्चर्यचकित हैं । क्योंकि प्रशासन ने क्रेशर एसोसिएशन को लिखित बता दिया था कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम को देखते हुए खदानें बन्द रहेंगी। मगर किसके आदेश पर खदान में काम शुरू हुआ इसकी जांच कराई जायेगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
घटना की जानकारी के बाद देर रात ए०डी०जी० पीयूष मोर्डिया, आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल मीरजापुर राजेश प्रकाश व महानिरीक्षक आर0पी0 सिंह व जिलाधिकारी बी0 एन0 सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा घटना स्थल पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने उच्च अधिकारियों को बताया कि बिल्ली मारकुंडी में मे0 कृष्णा माइनिंग खदान में यह घटना हुई है। घटना के बाद राहत कार्य के लिए NDRF व SDRF की टीम राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है। जिला प्रशासन ने बताया कि इस घटना में जो भी श्रमिक हताहत या घायल हुए हैं, उन्हें श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से उन्हें शत प्रतिशत लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन कटिबद्ध है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या जो श्रमिक काम कर रहे थे वे सभी सुरक्षा के दृष्टि से सारे कवछ पहने हुए थे। इसके अलावा सभी श्रमिकों का नाम खदान मालिक के रजिस्टर में दर्ज है? साथ ही सभी का बीमा खदान मालिक द्वारा कराया गया था या नहीं । इसकी भी तत्काल जांच होनी चाहिए। क्योंकि अक्सर यही देखने को मिलता है कि खदान मालिक श्रमिकों को बुलाकर काम तो करा लेते हैं लेकिन उनका कोई डिटेल उनके पास नहीं होता।
जिला प्रशासन के साथ मंत्री संजीव गोंड को भी इस घटना से सबक लेने की जरूरत है कि सिर्फ गौरव दिवस मनाने मात्र से आदिवासियों का सम्मान नहीं बढ़ेगा बल्कि उन्हें बेहतर रोजगार व सुरक्षित जीवन देकर उनकी खुशियाँ बढ़ाई जा सकती है।



