Sonbhadra News : ...जब सवाल सुनते ही झल्ला उठे प्रभारी मंत्री
क्या आपके सामने इस तरह की गड़बड़ी कभी सामने आई है ? इस पर प्रभारी मंत्री झल्ला उठे, उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी पूरे प्रदेश में नियुक्त किए गए हैं और उनका काम धरातल पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करना है।

प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल
sonbhadra
11:18 PM, May 26, 2025
शान्तनु कुमार
★ नोडल अधिकारी की जांच के बाद जिले के कार्यप्रणाली पर उठने लगे सवाल
★ बड़ा सवाल- क्या शासन को हो रही फर्जी रिपोर्टिंग
सोनभद्र । जिले में किस तरह अधिकारी फर्जी रिपोर्टिंग कर शासन को गुमराह कर रहे हैं यह रविवार को शासन से नामित नोडल अधिकारी जयशंकर दुबे द्वारा बभनी ब्लाक के अरझट गांव में लगाए गए जन चौपाल में साफ हो गया । नोडल ने जब चौपाल में 'हर घर नल योजना' से सम्बंधित जानकारी लेना शुरू किया तो कुछ ही देर में पूरा मामला खुल कर सामने आ गया। इसके बाद नोडल अधिकारी को यह समझने में देर नहीं लगी कि सोनभद्र से विभाग द्वारा शासन को फर्जी रिपोर्टिंग की जा रही है ।
इसी मामले को लेकर सोमवार सोनभद्र दौरे पर आए योगी सरकार में मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल से सवाल पूछा गया कि आखिर नोडल अधिकारी ने आकर बभनी में 'हर घर नल योजना' में बड़ी गड़बड़ी पकड़ ली । जबकि आप द्वारा सोनभद्र में हर महीने दौरा किया जाता है लेकिन क्या आपके सामने इस तरह की गड़बड़ी कभी सामने आई है ? इस पर प्रभारी मंत्री झल्ला उठे, उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी पूरे प्रदेश में नियुक्त किए गए हैं और उनका काम धरातल पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करना और अपनी रिपोर्ट शासन को भेजना है । यह उनकी ड्यूटी है । लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि जिले के प्रभारी मंत्री जिनके कंधों पर सभी विभागों का जिम्मेदारी है आखिर उन्हें इस तरह की गड़बड़ी अब तक क्यों नहीं मिली । क्या जिले के प्रभारी मंत्री ने कभी विभाग द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर स्थलीय निरीक्षण किया है ? यह भी एक बड़ा सवाल है । ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि योगी सरकार ने जिस भरोसे पर जिले में प्रभारी मंत्री नियुक्त किया है क्या वह पूरा हो रहा है ? क्योंकि जिस तरह कुछ ही घण्टों में नोडल अधिकारी को गड़बड़ियां दिखने लगी, आखिर प्रभारी मंत्री व मौजूदा जिले के अधिकारियों को यह गड़बड़ी पहले क्यों नहीं दिखी । कुल मिलाकर प्रभारी मंत्री को इस दिशा में सोचने की जरूरत है और उन्हें सिर्फ विभागीय मीटिंग पर भरोसा न करके एक दुरस्त गांव का औचक स्थलीय निरीक्षण करने की भी जरूरत है । क्योंकि जिस तरीके से विभाग द्वारा रिपोर्टिंग शासन को भेजी जा रही है वह निश्चित तौर पर सरकार की छवि को धूमिल करेगा ।