Sonbhadra News : अनुशासनहीनता के आरोप में महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सहित तीन अध्यापिकाएं निलंबित
बीएसए ने आज अनुशासनहीनता के मामले में दो प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया। जिसमें से एक राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षिका भी हैं। सभी शिक्षिकाओं को पास के विद्यालय में.....

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11:20 PM, September 9, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
• बीएसए के आदेश से शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
सोनभद्र । बीएसए ने आज अनुशासनहीनता के मामले में महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष समेत तीन शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। जिसमें से एक राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षिका भी हैं। सभी शिक्षिकाओं को पास के विद्यालय में अटैच कर बीईओ चोपन को जांच अधिकारी नामित करते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब किया गया है। वहीं बीएसए के इस आदेश से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
बीएसए मुकुल आनंद पांडेय ने बताया कि "22 अगस्त की शाम कुंजलता त्रिपाठी, सहायक अध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय चुर्क गांव ने कार्यालय में उपस्थित होकर आरोप लगाया कि जिला समन्वयक अरविंद कुमार पाठक उनके साथ अर्मादित व्यवहार किए हैं। इसको लेकर जब जिला समन्वयक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसएसए कार्यालय में जनपद के समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों व जिला समन्वयकों की सप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी थी। इसी दौरान कुंजलता त्रिपाठी ने फोन किया था, लेकिन बैठक में होने के कारण बात नहीं हो सकी। इसके बाद वह अपने पति के साथ आ गई। बैठक के बाद फोन न उठाने के संबंध में कहासुनी करने लगी। इसी बात को लेकर 23 अगस्त को कौशर जहां सिद्धिकी, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय विसरेखी ने फोन करके बताया कि शिक्षिकाएं मुलाकात करना चाहती है और वर्तमान में सभी सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में उपस्थित हैं। वहां पर लगभग 15 शिक्षिकाएं समूह में उपस्थित थी, जिसमें से चार-पांच शिक्षिकाओं को वार्ता के लिए कार्यालय में बुलाया गया। जिस पर कुंजलता त्रिपाठी एवं कौशर जहां सिद्धिकी ने जिला समन्वयक पर दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया। इसी बीच वार्ता के दौरान कौशर जहां सिद्धिकी उग्र होते हुए कार्यालय कक्ष से बाहर चली गई और सोनाली मजूमदार सहायक अध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक व वर्षा वर्मा, सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय चेरो बस्ती, विकास खंड चोपन के साथ मिलकर अन्य शिक्षिकाओं को उसकाते हुए अमर्यादित भाषा में नारेबाजी एवं अराजकता करने लगी। पूर्व नियोजित तरीके से विडियोग्राफी कराते विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा किया गया और विभाग की छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है। कार्यालय अवधि में इनके इस कृत्य से राजकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। इसको लेकर कौशर जहां सिद्धिकी, वर्षा वर्मा, सोनाली मजूमदार को निलंबित करते हुए पास के नजदीकी विद्यालय में अटैच कर दिया गया है। निलंबन अवधि में तीनों को अपने संबद्ध विद्यालय से उपस्थिति दिए जाने के उपरान्त नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।"
वहीं तीनों शिक्षिकाओं के निलंबन आदेश के बाद महिला शिक्षक संघ में घोर रोष देखा जा रहा है। महिला शिक्षकों ने बीएसए के इस आदेश पर आपत्ति जतायी है और न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है।