Sonbhadra News : बृद्ध दम्पत्ति की मौत ने खोली ट्रैफिक व्यवस्था की पोल, बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं
किलर रोड के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी-शक्तिनगर स्टेट हाइवे पर एक हाइवा की चपेट में आने से बृद्ध दम्पत्ति की मौत हो गयी जबकि बेटा घायल हो गया । घटना की सूचना के बाद मौके पर अफरातफरी का माहौल बना रहा ।

बृद्ध दम्पत्ति की मौत के बाद घटना स्थल पर जुटी भीड़
sonbhadra
2:55 PM, May 15, 2025
शान्तनु कुमार/आनंद चौबे
★ सिर्फ मीटिंग तक सीमित है ट्रैफिक व्यवस्था
★ खुलेआम चौराहे पर होती है ट्रैफिक की अवहेलना
★ पुलिस का सिर्फ बाइक चलाना पर जोर
★ ऑटो से लेकर चार पहिया गाड़ियां क्षमता से अधिक सवारियां लेकर पुलिस बूथ के सामने से धड़ल्ले भर रही हैं फर्राटा
★ ओवरलोड ट्रकों के लिए नहीं है कोई नियम-कानून
सोनभद्र । जिला मुख्यालय के सबसे महत्वपूर्ण स्थान लोढ़ी कलेक्ट्रेट गेट के सामने हुए सड़क हादसे ने ट्रैफिक को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए । किलर रोड के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी-शक्तिनगर स्टेट हाइवे पर एक हाइवा की चपेट में आने से बृद्ध दम्पत्ति की मौत हो गयी जबकि बेटा घायल हो गया । घटना की सूचना के बाद मौके पर अफरातफरी का माहौल बना रहा । वहां मौजूद पुलिसकर्मी व स्थानीय लोगों ने घायल बेटे को किसी प्रकार बाहर निकालकर अस्पताल भेजा । जबकि मृतक दम्पत्ति के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया ।
मिली जानकारी के मुताबिक धर्मेंद्र कुमार (22) वर्ष पुत्र अमृत उरांव निवासी कचनरवा थाना कोन अपने माता-पिता को लेकर सुबह रावर्ट्सगंज मिशन अस्पताल इलाज कराने के लिए आया था और इलाज कराने के बाद बाइक से माता-पिता को लेकर समाज कल्याण विभाग पेंशन चेक कराने जा रहा था, तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार हाइवा ने जोरदार टक्कर मार दिया, जिससे बाइक ट्रक के नीचे चला गया और इस हादसे में धर्मेंद्र के पिता अमृत उरांव (65) वर्ष व माता मंतोरनी (60) वर्ष की घटना स्थल पर मौत हो गयी। हादसे के बाद घायल पुत्र को किसी प्रकार बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया जबकि दोनों पति-पत्नी के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । फिलहाल हाइवा व चालक पुलिस के गिरफ्त में हैं । घायल पुत्र के पास एक शादी का कार्ड मिला, जिसके मुताबिक घायल धर्मेंद्र की शादी इसी माह 29 तारीख को था ।
ट्रैफिक व्यवस्था की खुली पोल
इस हादसे ने ट्रैफिक व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। इतनी महत्वपूर्ण स्थान जहाँ कलेक्ट्रेट, विकास भवन के अलावा जिलाधिकारी आवास व पुलिस अधीक्षक का आवास है, चंद कदमों की दूरी पर जिला अस्पताल हो, उससे थोड़ी दूर एआरटीओ कार्यालय भी मौजूद हो । इसके अलावा तमाम प्राइवेट अस्पताल भी घटनास्थल से कुछ दूरी पर मौजूद हैं, इसके बावजूद वहां पर पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था की तैनाती कलेक्ट्रेट मुख्य द्वार के नीचे खड़े रहते हैं जो किसी भी दृष्टिकोण से उपयोगी नहीं है। हां इतना जरूर है कि आला अफसरों को आते-जाते सलामी जरूर मिल जाती है । लेकिन जनहित में कोई फायदा नहीं। लोगों का कहना है कि यदि डिवाइडर पर एक ट्रैफिक बूथ बनाकर एक पुलिस कर्मी की तैनाती कर दी जाय तो भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी । क्योंकि जिस स्थान पर घटना घटित हुआ है वहां हर दिन सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण अंचलों के लोग अपने काम को लेकर कलेक्ट्रेट व विकास भवन आते-जाते हैं । ऐसे में यदि वहां ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्तन नहीं की गई तो भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है और एक बार फिर एक परिवार उजड़ सकता है।
बच सकती थी जान
सड़क हादसे में दंपत्ति की मौत ने ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं । शाम चौराहे पर खड़े होकर बाइक का ऑनलाइन चालान करने वाली पुलिस यदि थोड़ी सी सक्रियता या फिर कहें ईमानदारी से ड्यूटी किये होते तो बृद्ध दम्पत्ति की जान बच सकती थी । लोगों का कहना है कि जिस तरह से पुलिस ऑनलाइन चालान काटती है उसी प्रकार यदि पुलिस सक्रियता दिखाते हुए एक बाइक पर सवार तीन लोगों को रोक कर कड़ाई से एक लोग को बस पर बिठाकर घर भेज देती तो शायद यह अनहोनी न होती । जिम्मेदार सिर्फ रावर्ट्सगंज ट्रैफिक पुलिस ही नहीं बल्कि को से लेकर रास्ते में पड़ने वाले सभी थाने चौकी भी जिम्मेदार हैं ।