Sonbhadra News : टीबी मुक्त होगा सोनभद्र, AI से मिनटों में होगी टीबी की जाँच पुरी
जिला को टीबी यानि क्षय रोग से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह जोर लगा रहा है। इसके तहत अभी तक जनपद सोनभद्र के 74 गाँवों क़ो टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। वहीं 2025 तक टीबी मुक्त जनपद के.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 आर0जी0यादव....
sonbhadra
9:09 PM, March 28, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । जिला को टीबी यानि क्षय रोग से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह जोर लगा रहा है। इसके तहत अभी तक जनपद सोनभद्र के 74 गाँवों क़ो टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। वहीं 2025 तक टीबी मुक्त जनपद के क्रम में अब 'मेक इन इंडिया' के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजजेंस तकनीक से टीबी की पहचान और जांच की सुविधा जनपदवासियों को मिलेगी और रिपोर्ट भी तत्काल मिल जाएगी। अभी ट्रायल के तौर पर प्रदेश के कुल आठ जिलों को शामिल किया गया है। इसमें लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, एटा, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, सोनभद्र और मऊ शामिल है। अभी तक एक्स-रे, माइक्रास्कोपी, स्पूटम, सीबी नाट, ट्रूनॉट से इसकी जांच होती थी। इस नए एप के लांच होने के बाद से मरीज को इन सभी जांच प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। उनका आसानी से जांच व उपचार होना शुरू हो जाएगा।
कैसे हो रही एप से जांच -
एप के संचालन के लिए सिर्फ डिजिटल एक्सरे को होना अनिवार्य है। टीबी के मरीज के एक्सरे रिपोर्ट को एप से स्कैन करने के बाद उसी दौरान एप मरीज की पहचान कर रहा है। मरीज को टीबी की पहचान होने के बाद उसका पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर कर सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं को प्रदान किया जाएगा।
जिले में टीबी के 2500 मरीज उपचाराधीन -
इस सत्र में टीबी के करीब 4200 मरीज चिह्नित हुए हैं। इसमें लगभग 2500 मरीज ही सक्रिय हैं। विशेष निगरानी के साथ उनका उपचार चल रहा है। दुरुह भौगोलिक बसावट के कारण टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग बड़ी समस्या रही है। दूरदराज बसे गांवों से संदिग्ध जांच के लिए समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते। ऐसे में बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी उनके उपचार में दिक्कत होती है। स्वास्थ्य विभाग अब टीबी के मरीजों की पहचान के लिए अब एआई बेस्ड एडवांस एक्स-रे पोर्टेबल मशीन का प्रयोग करेगा। जिले क़ो अभी एक मशीन प्राप्त हुई है, इसके माध्यम से किसी भी क्षेत्र में जाकर मरीजों का मौके पर ही एक्स-रे कर उसकी पहचान की जा सकेगी। इसमें 30 सेकेंड में ही मरीज का एक्स-रे हो जाएगा और तुरंत ही रिपोर्ट भी मरीज को मिल जाएगी। रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि संबंधित व्यक्ति टीबी का संदिग्ध केस है या नहीं। इसके बाद ही उस मरीज को अस्पताल ले जाकर आगे की जांच प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। सामान्य एक्स-रे मशीन के मुकाबले यह ज्यादा सटीक होगी।
पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से नहीं होगा रेडिएशन का खतरा -
एआई बेस्ड एडवांस एक्स-रे मशीन टीबी के मरीज खोजने में सहायक होगी। यह सामान्य मशीन से कम रेडिएशन पर काम करेगी और बिना बिजली के भी एक्स-रे किया जा सकेगा।
क्या बोले अधिकारी -
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 आर0जी0 यादव ने बताया कि "पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन मिल गयी है और उसे इंटाल भी करा लिया गया है। जल्द ही कर्मचारियों क़ो इसके संचालन का प्रशिक्षण दिलाकर इस्तेमाल शुरू कर दिया जायेगा।"