Sonbhadra News : आध्यात्म, आस्था व विज्ञान का एक अनूठा संगम है शरद पूर्णिमा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर द्वारा रामलीला मैदान में शरद पूर्णिमा उत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ योग व्यायाम, सूर्य नमस्कार, खेलकूद, सामूहिक गीत, सुभाषित, अमृत वचन....

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8:37 AM, October 7, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर द्वारा रामलीला मैदान में शरद पूर्णिमा उत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ योग व्यायाम, सूर्य नमस्कार, खेलकूद, सामूहिक गीत, सुभाषित, अमृत वचन से हुआ।
शरद पूर्णिमा का खीर देता है आरोग्य लाभ -
वहीं बौद्धिक उद्बोधन में विभाग गौ संवर्धन प्रमुख नंदलाल ने कहा कि "शरद पूर्णिमा का संबंध सिर्फ आस्था आध्यात्म से ही नहीं है, बल्कि पुरातन समय से इसका संबंध विज्ञान से रहा है। यह वह रात है,जब प्रकृति स्वयं एक अद्भुत औषधालय बन जाती है। चंद्रमा की 16 कलाओं की पूर्ण शक्ति, खीर का वैज्ञानिक सेवन व वातावरण की अद्वितीय शुद्धता ये सब मिलकर इस पर्व को आध्यात्म, आस्था व विज्ञान का एक अनूठा त्रिवेणी बनाती हैं। धार्मिक व पौराणिक मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के पर्व को कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा एवं कमला पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि खीर चंद्रमा की रोशनी में अतिमहीन श्वेत व स्वच्छ वस्त्र से ढंककर रखी जाती है। मान्यता है कि इसका सेवन आरोग्य लाभ देता है। यह भी है कि शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी हर घर विचरण करती हैं।"
भगवान श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास -
जिला प्रचार प्रमुख नीरज ने बताया कि "पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने आश्विन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन यमुना तट पर मुरली वादन करके गोपियों के संग महारास रचाया था। जिसके फलस्वरूप वैष्णवजन इस दिन व्रत उपवास रखते हुए इस उत्सव को मनाते हैं। इस दिन वैष्णवजन खुशियों के साथ हर्ष, उमंग, उल्लास के संग रात्रि जागरण भी करते हैं। इस पूर्णिमा को 'कोजागरी पूर्णिमा' भी कहा जाता है।"
ये रहे मौजूद -
इस दौरान नगर संघचालक संगम, जिला प्रचारक राहुल ,नगर प्रचारक हरेंद्र , जिला व्यवस्था प्रमुख कीर्तन आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे।