Sonbhadra News : अब नहीं बच सकेंगे अपराधी, ई-साक्ष्य ऐप से डिजिटल तरीके से सबूत जुटायेगी पुलिस
घटनास्थल पर मिले साक्ष्य अहम होते हैं। क्राइम सीन सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण होता है। साक्ष्यों को पेन ड्राइव, सीडी, डीवीडी के माध्यम से पुलिस को कोर्ट में पेश करना होता था। मगर, अब भारतीय नागरिक....

विवेचकों क़ो प्रशिक्षण देते एएसपी कालू सिंह...
Whatsapp चैनल फॉलो करे !आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । घटनास्थल पर मिले साक्ष्य अहम होते हैं। क्राइम सीन सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण होता है। साक्ष्यों को पेन ड्राइव, सीडी, डीवीडी के माध्यम से पुलिस को कोर्ट में पेश करना होता था। मगर, अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तारी, तलाशी और सीज कार्यवाही की वीडियोग्राफी अनिवार्य है। इन साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए ई-साक्ष्य एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विवेचकों क़ो दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण -
आपराधिक मामलों में 2024 में लागू भारतीय नागरिक संहिता के अनुरूप जांच, साक्ष्यों की श्रृंखला का संकलन डिजिटल स्वरूप में करना अनिवार्य हो गया है। गंभीर अपराध जिसमें 7 साल या इससे अधिक सजा के प्रावधान वाले मामलों में साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच भी अनिवार्य है। साक्ष्यों को डिजिटल तरीके से संग्रह के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की ओर से ई-साक्ष्य ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के बारे में मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार मिर्जापुर में सोनभद्र, मिर्जापुर व भदोही के चयनित 96 विवेचकों को एएसपी कालू सिंह ने विशेष प्रशिक्षण दिया।
हार्ड कॉपी खराब होने पर अब ई साक्ष्य ऐप पर देख सकेंगे साक्ष्य -
एएसपी कालू सिंह ने बताया कि "विवेचकों को ई-साक्ष्य एप में साक्ष्य सुरक्षित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आपराधिक मामलों में पुलिस के लिए अब वीडियोग्राफी करना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत साक्ष्य, घटनास्थल की स्थिति, मौके से बरामदगी आदि की वीडियोग्राफी जरूरी है। इसके लिए ई-साक्ष्य ऐप लांच किया गया है। सात वर्ष से अधिक सजा के मुकदमों के साक्ष्य ई-साक्ष्य एप पर अनिवार्य रूप से सुरक्षित किए जा रहे हैं। आगे अन्य मुकदमों को भी शामिल किया जाएगा। हर विवेचक की अपनी ऑनलाइन आईडी बनाई जा रही है। विवेचक मुकदमा संख्या दर्ज करेंगे। डिजिटल और दस्तावेज साक्ष्य अपलोड कर फाइल सुरक्षित करनी होगी, एफएसएल को भी जोड़ा जाएगा। हार्डकाॅपी के किसी कारण खराब हो जाने या न होने पर मोबाइल पर ई-साक्ष्य एप पर साक्ष्य देखे जा सकेंगे। इनके खराब होने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। ई-साक्ष्य ऐप का कैसे प्रयोग करना है, इसमें क्या-क्या प्रावधान है और सावधानियों के साथ-साथ नए कानून आदि के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई है, ताकि उन्हें फील्ड में ऐप उपयोग करने में कोई परेशानी न हो साथ ही साथ विवेचना और न्यायालय में सुनवाई के समय इसका लाभ मिलेगा।"
वीडियो और फोटो बनाने का भी प्रशिक्षण -
एएसपी ने बताया कि "पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर की जाने वाली वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के बारे में भी बताया जाएगा, जिससे अनावश्यक वीडियो और फोटो अपलोड करने से बचा जा सके। घटना के बाद साक्ष्य के रूप में क्या सीन उपयोगी है, इस बारे में जानकारी दी जा रही है।"
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