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Sonbhadra News : सीतापुर में पत्रकार की निर्मम हत्या से पत्रकारों में उबाल, विपक्ष ने उठाए सवाल

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या (Sitapur Journalist Raghvendra Bajpei Murder) के बाद सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना के बाद जहाँ पत्रकारों में गहरा आक्रोश है, वहीं विपक्ष भी...

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7:28 PM, March 9, 2025

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आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)

सोनभद्र । सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या (Sitapur Journalist Raghvendra Bajpei Murder) के बाद सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना के बाद जहाँ पत्रकारों में गहरा आक्रोश है, वहीं विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में कांग्रेस के एनएसआईयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण, सपा के पूर्व विधायक रमेश चंद्र दुबे और श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार शुक्ला ने भी प्रदेश की गिरती क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। 

राघवेंद्र बाजपेई की हत्या से पत्रकारों में भय का माहौल - राघवेंद्र नारायण

सीतापुर के महोली के विकास नगर निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की कल दोपहर हेमपुर ओवरब्रिज से सीतापुर की ओर आ रहे थे, तभी ओवरब्रिज से उतरते समय गोली मारकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई हैं। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने बीजेपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ने कहा कि राज्य में जो भी भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, घूसखोरी को उजागर करेगा उसकी जान सुरक्षित नहीं है। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की मौत से यह तय हो गया है कि सूबे में कानून व्यवस्था के क्या हालत है। ढिंढोरा पीटने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। कानून व्यवस्था को कंट्रोल में रखना एक बात है और कानून व्यवस्था को अपने कंट्रोल में लेने के लिए काम करना दूसरी बात है।बीजेपी की चाहे केंद्र की मोदी सरकार हो या सूबे में योगी सरकार मीडिया जगत बहुत ही खतरनाक दौर से गुजर रहा है। देश के चौथे स्तंभ ही जब सुरक्षित नहीं तो आम जनता की जान माल की सुरक्षा का सवाल कौन खड़ा करेगा। राघवेंद्र नारायण ने पत्रकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अलग से आयोग गठित किए जाने कि भी मांग की। इस घटना से सूबे की योगी सरकार के इकबाल पर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है और प्रदेश के पत्रकारों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। कांग्रेस पार्टी दोषियों पर कड़ी कार्यवाही साथ ही मृतक परिजनों को 50 लाख रुपए नगद और पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी तत्काल दिए जाने की मांग की।

उत्तर प्रदेश में आम आदमी की सुरक्षा भगवान भरोसे - रमेश दुबे 

सपा के पूर्व विधायक रमेश चंद्र दुबे ने कहा कि "उत्तर प्रदेश में ज़ब पत्रकार ही असुरक्षित है तो आम आदमी की सुरक्षा तो भगवान भरोसे ही है। सीतापुर जिले के इमलिया-सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में कार्यरत पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े हत्या अत्यंत दुःखद है। घटना यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में अपराधी शासन से भी ज्यादा ताकतवर हो चुके हैं। जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर दिनदहाड़े गोलियां बरसाई जा रही हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जाए?"

मीडिया संघों ने की पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग - 

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार शुक्ला और डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शांतनु बिश्वास ने हत्यारोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने की मांग करने के साथ ही मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की।


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