Sonbhadra News : 'हर घर नल' योजना बनी मजाक, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे पड़रछ के ग्रामीण
इन दिनों सोनभद्र सहित पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में हैं, सोनभद्र के विकास खंड कोन क्षेत्र अंतर्गत पड़रछ व आस-पास के गाँवों को गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है। हालत यह.....

पेयजल की समस्या को लेकर प्रदर्शन करते ग्रामीण....
sonbhadra
8:33 AM, May 15, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । इन दिनों सोनभद्र सहित पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में हैं, सोनभद्र के विकास खंड कोन क्षेत्र अंतर्गत पड़रछ व आस-पास के गाँवों को गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है। हालत यह है कि तीन हजार से अधिक की आबादी इन दिनों बूंद-बूंद पानी को तरस रही है। हालात इतने विकट हो चुके हैं कि यहां के इंसान तो इंसान पशु-पक्षी भी पानी बिना त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। नतीजा यह है कि ग्रामीणों को पानी के लिए दूर-दराज इलाकों में भटकना पड़ रहा है हैं। वहीं ग्रामीण ज़ब इसकी शिकायत अधिकारियों के पास लेकर जा रहे हैं तो उन्हें आश्वासन देकर टरका दिया जा रहा है।
स्कूलों में भी जल संकट, बच्चे घर से लाते हैं पानी -
गांव के सरकारी विद्यालयों में भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। विद्यालयों में लगे हैण्डपम्प भी अब जवाब दे चुके हैं। शिक्षक और छात्र पानी की समस्या से परेशान हैं। मजबूरन बच्चों को घर से पानी की बोतलें लानी पड़ती हैं लेकिन, जब घरों में ही पानी न हो तो बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
‘हर घर नल’ योजना भी हुई फेल -
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो वर्ष पूर्व ‘हर घर नल’ योजना के तहत पाइपलाइन डाली गई थी और पाइपलाइन के कनेक्शन भी कर दिए गए थे, लेकिन एक दिन भी पानी नहीं आया। पाइपलाइन डालने के लिए गांव की टूटी-फूटी सड़कें और भी खोद दी गईं, जिन्हें आज तक दुरुस्त नहीं किया गया। नतीजतन गांव के लोग न सिर्फ पानी के लिए बल्कि टूटी सड़कों के कारण भी भारी परेशानियां झेल रहे हैं।
आक्रोशित ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी -
आपको बताते चलें कि पड़रछ और आसपास का क्षेत्र फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र है और गर्मी में जल संकट होने के बावजूद भी जिम्मेदार समस्या हल करने के बजाय अपने एसी कार्यालयों में ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन देने में मस्त हैं। वहीं ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि दो दिनों में पेयजल समस्या का निदान नहीं किया गया तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
ये ग्रामीण रहे मौजूद -
इस दौरान हीरमान, बुधन, प्रमिला, विजय, फूल मुहम्मद, मुन्ना लाल, उपेंद्र, अंगद, राजेश, विगन, काशी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।