Sonbhadra News : कॉलेज परिसर में जली अवस्था में मिली सरकारी दवाएं, स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कॉलेज में प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर खींचतान मची हुई है, आज यहां नामांकन होना था। दूसरे पक्ष की आपत्ति के चलते नामांकन से ठीक एक दिन पहले शनिवार की शाम जेडी के निर्देश पर....

sonbhadra
11:06 PM, November 10, 2024
आनन्द कुमार चौबे/जयनाथ मौर्या (संवाददाता)
• कॉलेज के परिसर में मिली अधजली दवाओं की खेप
• दवाएं दिसंबर में होने वाली थी एक्सपायर
• पुरे मामले पर चुप्पी साधे रहे प्रधानाचार्य
सोनभद्र । देश में आज भी गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होती दिखाई दे रही है। देहात क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं में होने वाली खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन की टैबलेट दी जाती है। वहीं बच्चों के पेट से कीड़े मारने के लिए एल्बेंडाजोल की गली खिलायी जाती है। लेकिन जनपद सोनभद्र के चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कॉलेज के परिसर में रविवार को भारी मात्रा में एल्बेंडाजोल और आयरन की दवाएं जली हाल में मिलने से हड़कंप मच गया। जली हुई दवाओं की वैधता दिसंबर 2024 तक हैं। यह दोनों दवाएं बच्चों में वितरित किया जाता है लेकिन कॉलेज परिसर जली अवस्था पर मिलने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जहाँ कॉलेज प्रबंधन फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, वहीं स्वास्थ्य विभाग जांच की बात कह रहा है।
चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कॉलेज में प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर खींचतान मची हुई है, आज यहां नामांकन होना था। दूसरे पक्ष की आपत्ति के चलते नामांकन से ठीक एक दिन पहले शनिवार की शाम जेडी के निर्देश पर डीआईओएस ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इसे लेकर रविवार की सुबह से कॉलेज परिसर में गहमागहमी मची हुई थी। इसी बीच, लोगों की नजर कॉलेज परिसर के पार्किंग एरिया पर पड़ी, जहां भारी मात्रा में अधजली दवाएं फेंकी गई थी। जब इसे उठाकर देखा गया तो उस पर दिसंबर 2024 की एक्सपायर तिथि दर्ज थी, इसमें एल्बेंडाजोल व आयरन की गोली मौजूद थी। इन दवाओं का उपयोग बच्चों को पेट के कीड़े मारने के लिए दिया जाता है। वहीं आयरन की गोली लड़कियों में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए वितरित किया जाता है।
कॉलेज परिसर में यह दवाएं कहां से आई और इसे क्यों जलाया गया, इस पर प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। प्रधानाचार्य दयाशंकर सिंह ने दवा जलाए जाने के बाद कोई टिप्पणी से इंकार किया तो दूसरी ओर एक पक्ष ने कॉलेज प्रबंधन पर दवा जलाने का आरोप लगाया है।
वहीं सीएमओ डॉ0 अश्वनी कुमार ने कहा कि इन दवाओं का कॉलेज परिसर में जली अवस्था मिलने की जाँच कराई जायेगी, जाँच में जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जनपद सोनभद्र का स्वास्थ्य अक्सर ही अपने कारनामें को लेकर सवालों के घेरे में रहता है। गत दिनों सोनभद्र दौरे पर आयी राज्य महिला आयोग की सदस्य ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था। वहीं अब कॉलेज परिसर में इन दवाओं का अधजली अवस्था में मिलना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं। एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों के पेट में कीड़ी मारने की दवा होती है जिसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अपने सामने बच्चों को खिलानी थी, वहीं गर्भवती महिलाओं व किशोरियों में होने वाली खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन की टैबलेट दी जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि कॉलेज परिसर में इन दवाओं की इतनी बड़ी खेप कैसे पहुँची। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य विभाग की जाँच में क्या कुछ निकल कर सामने आता है?