Sonbhadra News : बच्चा चोरी का मामला : पूरा जिला अस्पताल दलालों के चंगुल में, स्वास्थ्य महकमा सीसीटीवी कैमरा लगाकर सो रहा चैन का नींद
जिला अस्पताल में जिस तरह से सोमवार को बच्चा चोरी का मामला सामने आया उसने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था का बल्कि प्रशासनिक सोच को भी उजागर करके रख दिया । जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए मगर...

sonbhadra
3:45 PM, June 3, 2025
शान्तनु कुमार
★ चौकी भी महज खानापूर्ति के लिए बनी है
★ आलाधिकारियों का न जाना बना चर्चा का विषय
सोनभद्र । जिला अस्पताल में जिस तरह से सोमवार को बच्चा चोरी का मामला सामने आया उसने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था का बल्कि प्रशासनिक सोच को भी उजागर करके रख दिया । जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए मगर वह सिर्फ तब काम आता है जब घटना घट जाती है ।
ऐसा नहीं कि जिला अस्पताल में दुर्व्यवस्था पहली बार देखने को मिला है । इसके पहले भी कई बार दलाल रंगे हाथ पकड़े गए लेकिन अब तक उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई । कभी पकड़े गए दलाल मीडिया के सामने पेश नहीं किए गए । यही कारण है कि पूरा जिला अस्पताल दलालों का अड्डा बन गया है । जिला अस्पताल आए मरीज सेटिंग से प्राइवेट अस्पतालों में भेज दिये जाते हैं और प्रशासन सिर्फ सीसीटीवी कैमरा लगाकर चैन की नींद सो रहा है । प्रशासन को शायद पता ही नहीं कि उनके विभाग में एक नहीं बल्कि कई विभीषण हैं जो चंद पैसों के खातिर अपना जमीर तक बेच चुके हैं और अब मरीज को बेच रहे हैं ।
अस्पताल से बच्चा चोरी होना कोई सामान्य बात नहीं, किसी मां का बच्चा चला गया और 24 घण्टे बाद भी जिले के आलाधिकारी घटना स्थल पर नहीं गए और न ही उस मां-बाप को दिलासा दिलाया कि पूरी प्रशासन उनके साथ है । बस एफआईआर दर्ज कर उन्हें इंतजार करने को कह दिया गया। क्योंकि न अधिकारियों के पास इन चीजों के लिए समय है और न चोरी गया बच्चा उनका कोई लगता है । महिला के पति की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया यही बड़ी बात है, वरना चर्चा तो यह भी है कि शुरू में अस्पताल के स्टाफ महिला को ही इस बात को लेकर फटकार लगा रहे थे कि अपने बच्चे का ध्यान क्यों नहीं रखा ।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला अस्पताल गेट पर चौकी तो बना दिया गया लेकिन उनका काम क्या है यह आज तक लोगों को समझ में नहीं आया । परिसर में ऑटो व अन्य वाहन खड़े रहते हैं, कभी पूछा नहीं जाता कि आखिर वह क्यों खड़ा किया है । यदि वह मरीज छोड़ने आया है तो उसे कुछ ही देर बाद बाहर चले जाना चाहिए मगर वह परिसर में स्टैंड बना दिया । और यहीं से दलालों खेल शुरू होता है। दलाल अंदर सेटिंग करते हैं और इसी ऑटो से मरीजों को बाहर प्राइवेट में भेज दिए जाते हैं।
सही मायने में एक सीसीटीवी कैमरा अस्पताल गेट पर बने चौकी पर होना चाहिए ताकि उसकी मॉनिटरिंग 24 घण्टे होती रहे ।
बहरहाल 24 घण्टे बाद भी अभी तक बच्चे का कोई भी सुराग नहीं मिल सका है । अब देखने वाली बात यह है कि जब इस मामले का खुलासा होगा तो बच्चा चोर और क्या-क्या खुलासा करती है ।