बंदे मातरम् पर संसद में हुई चर्चा, प्रियंका गाँधी ने पूछा- 75 सालों से हमारा देश आजाद है तो फिर आज इस बहस की क्या जरूरत है
लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा की गयी। इस चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के साथ की।

delhi
10:42 PM, December 8, 2025
लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा की गयी। इस चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के साथ की।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् के टुकड़े किए। जवाहरलाल नेहरू जिन्ना के सामने झुके थे। वंदे मातरम् आजादी के समय से प्रेरणा का स्त्रोत था तो फिर उसके साथ पिछले दशक में अन्याय क्यों हुआ।
प्रधानमंत्री के मुताबिक, नेहरू ने पत्र में लिखा, ‘‘मैंने वंदे मातरम गीत की पृष्ठभूमि पढ़ी है। मुझे लगता है कि जो पृष्ठभूमि है, इससे मुस्लिम भड़केंगे ।'' मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे पर झुकी, इसलिए उसे एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा ।''
प्रियंका गांधी ने कहा, “150 सालों से देशवासियों के दिल में यह गीत बस चुका है। 75 सालों से हमारा देश आजाद है । तो फिर आज इस बहस की क्या जरूरत है । हम यह बहस आज दो वजहों से कर रहे हैं, पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है। हमारे प्रधानमंत्री उसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं । इसके पीछे दूसरा मकसद है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी, उन पर सरकार नए आरोप लादने का मौका चाहती है। देश का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से भटकाना चाहती है।
भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को बंकिम चंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के पावन अवसर पर लिखा था। यह 1882 में पहली बार उनकी पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के हिस्से के रूप में छपा था।
1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने मंच पर वंदे मातरम् गाया। यह पहला मौका था जब यह गीत सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर गाया गया। सभा में मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम थीं।



