शान्तनु कुमार/मुकेश अग्रवाल
० क्या टीचरों के भीतर खत्म हो गया अधिकारियों का डर
० बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले टीचरों पर सख्त कार्यवाही की मांग
० सिर्फ वेतन रोकने जैसे कार्यवाही से नहीं सुधरेंगे लापरवाह टीचर
० सरकार की छवि को भी खराब कर रहे हैं ऐसे टीचर व अधिकारी
बीजपुर (सोनभद्र) । सोनभद्र दौरे पर आए सीएम योगी ने जनता को संबोधित करते हुए शिक्षा पर जोर देते हुए कहा था कि आप अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजें ताकि बच्चे देश के भविष्य हैं । मगर सीएम योगी को क्या पता कि जिनके भरोसे पर वे लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने की बात कह रहे हैं वही टीचर न सिर्फ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं बल्कि सरकार को भी बदनाम कर रहे हैं। यूं तो सोनभद्र आकांक्षी जनपद में शामिल होने की वजह से इसकी समीक्षा पीएम से लेकर सीएम तक करते हैं । इसके अलावा जिले स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाती है । मगर जिस तरह से जमीनी हकीकत देखने को मिल रहा है उससे अधिकारियों द्वारा की जा रही समीक्षा पर भी सवाल खड़ा होने लगा है।
इन दिनों दुरस्त इलाकों में शिक्षा विभाग में हालात बद से बत्तर हो चले हैं आलम यह है कि टीचर अधिकारियों के वश में नहीं । ताजा मामला बीजपुर इलाके का है, जहां गुरुवार को जरहा न्याय पंचायत अंतर्गत रजमिलान गांव के प्राथमिक विद्यालय बिछियारी में अध्यापकों के न पहुंचने के कारण विद्यालय बंद रहा, बच्चे विद्यालय आए और इधर-उधर टहल कर वापस घर चले गए । बच्चे समय के पहले घर पहुंचे तो अभिवावक पूछने लगे, बच्चों ने बताया कि टीचर के न आने से स्कूल बंद रहा। स्कूल की लगातार इस कृत्य से अभिभावक नाराज हैं उनका कहना है कि सुबह सारे काम छोड़कर बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजा जाता है लेकिन टीचरों की गैरजिम्मेदाराना रवैये से हैरानी होती है । अभिभावकों ने ऐसे लापरवाह टीचरों पर कार्यवाही की मांग की है ।
उधर विद्यालय बन्द होने की खबर जैसे ही बीईओ विश्वजीत सरोज को हुई उन्होंने तत्काल अनुदेशक हीरा शंकर विश्वकर्मा को उक्त विद्यालय पर भेजा लेकिन तब तक अधिकांश बच्चे वापस चले गए थे। इस बाबत बीईओ विश्वजीत सरोज ने बताया कि बिछियारी विद्यालय पर तैनात एक अध्यापिका सीसीएल पर थी दूसरी बिना सूचना के विद्यालय नही पहुंची जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
आपको बतादें कि पिछले 25 नवम्बर को इलाके के एक साथ 5 विद्यालय बन्द थे और उस दिन भी बच्चे बैरंग घर लौट गए थे ।
बहरहाल सोनभद्र में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चली है और टीचर इस कदर मनबढ़ हो गए हैं कि उन्हें किसी अधिकारी का कोई भय भी नहीं । क्योंकि उन्हें पता है कि कार्यवाही के नाम विभाग भी सिर्फ कोरम पूरा करता है । ऐसे में जरूरत है लापरवाह टीचरों पर बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्यवाही की क्योंकि जब उन्हें पढ़ाने में दिलचस्पी नहीं तो विभाग में भी बने रहने का कोई औचित्य नहीं । इस प्रकार की कार्यवाही से न सिर्फ दूसरे बेरोजगार को मौका मिलेगा बल्कि बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा ।