सुप्रभात खबर
ऋषिकेश । कहते हैं कि भगवान यूं ही प्रसन्न नहीं होते। भगवान को प्रसन्न करने के लिए आदिकाल से ऋषि-मुनियों ने अपने शरीर को विभिन्न कष्ट दिए। तब जाकर उन्हें भगवान के दर्शन प्राप्त हुए। लेकिन कलयुग में भी ऐसे लोग हैं जो कई किलोमीटर पैदल चक्कर नहीं बल्कि लेट लेट कर भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके द्वार पर जा रहे हैं। ऐसा ही श्रद्धालुओं का 8 सदस्य दल राजस्थान के करौली जिला से बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर निकला है। बद्रीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं ने करौली जिला राजस्थान से 6 अगस्त को अपनी यात्रा प्रारंभ की और 6 माह बीत जाने के बाद वह तीर्थ नगरी ऋषिकेश पहुंचे। अब उन्हें यहां से करीब 300 किलोमीटर की दूरी लेट कर बद्रीनाथ धाम तक तक पूरी करनी है। अभी तक यह श्रद्धालु 500 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं। 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ धाम कपाट खुलने के शुभ अवसर पर लेट लेट कर वहां पहुंचना है। खास बात यह है कि इन श्रद्धालुओं की उम्र 60 साल से अधिक है। ऐसे में इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेट कर जाना इन श्रद्धालुओ की इस अनोखी आस्था को देखकर हर कोई हतप्रभ है। श्रद्धालुओं का कहना है कि देश की शांति के लिए वह यात्रा कर रहे हैं।