मिर्जापुर।जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। मुख्यमंत्री ने पहले ही सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। मुख्यालय से हरी झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। इस योजना पर कुल 7767.62 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु पहले गंगा स्नान करते हैं फिर मां के दर्शन-पूजन के लिए जाते हैं। इसी प्रकार आध्यात्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से आने वाले सैलानी गंगा दर्शन और नौका विहार भी करते हैं। कच्चा, उबड़-खाबड़ व व्यवस्थित घाट नहीं होने की वजह से श्रद्धालुओं को समस्या का सामना करना पड़ता है।
समस्या को देखते हुए घाटों को पक्का बनाने के लिए जिलाधिकारी ने पहल की। उन्होंने हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की और विंध्य कॉरिडोर की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही गंगा घाट के विकास से जुड़ी योजना पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है।सिंचाई विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। जल्द ही प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। घाट बन जाने के बाद विंध्य कॉरिडोर की खूबसूरती बढ़ने के साथ ही भीड़ के दौरान मुख्य मार्ग के विकल्प के रूप में घाटों के पाथ वे का प्रयोग किया जा सकेगा। साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जल परिवहन का रास्ता भी खुलेगा।
योजना के तहत मलहिया घाट, अखाड़ा घाट, गुदारा घाट, इमली घाट, भैरव घाट, परशुराम घाट, बाबू घाट, पक्का घाट ,कच्चा घाट, चिकान घाट ,बलुआ घाट, दीवान घाट, राजा घाट, फुलवरिया घाट को पक्का कराया जाएगा।
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