सोनभद्र

जीएसटी को PMLA के अंतर्गत ED के अन्तर्गत लाने के विरोध में राष्ट्रपति के नामित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

राजकुमार गुप्ता (संवाददाता)

घोरावल (सोनभद्र) । भारत सरकार केंद्रीय वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act or PMLA) के तहत डाल दिया गया है, यह धारा 66 की उपधारा (1) के खण्ड (ii) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शामिल करने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब जीएसटी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate or ED) सीधा दखल दे सकेगी।

GST में PMLA के अंतर्गत ED के दखल हो जाने से करापवंचन करने वाले फर्म, व्यापारी या संस्था के खिलाफ सीधे कार्यवाही कर सकती है, जिसके तहत सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरण को व्यापारियों द्वारा गैर कानूनी तरीके से कमाए गए धन और संपत्ति को जब्त करने का अधिकार दिया गया है, जोकि सरासर गलत है, इस व्यापारी विरोधी फैसले का समाजवादी व्यापार सभा कड़े शब्दों में निन्दा और विरोध करती है।

GST में PMLA के अंतर्गत ED के तहत लाने की अधिसूचना सरकार के व्यापारी समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करती है, इससे इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा, जिससे व्यापारी अपना व्यापार बंद करने को मजबूर हो जाएंगे, पहले से ही भोले भाले व्यापारियों को बर्बाद करने वाली विसंगतिपूर्ण और जटिल जीएसटी को अब ईडी के तहत लाने के सरकार के फैसले की व्यापारी समाज निंदा करता है, यह फैसला व्यापारियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने वाला फैसला होगा।

इस फैसले से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा । तत्पश्चात अधिकारी हमारे व्यापारी की मेहनत से अर्जित धन और संपत्ति को टैक्स चोरी से कमाई गई संपत्ति कहकर और डरा कर धमकाकर व्यापारियों का शोषण एवं दोहन करेंगे।

विदित हो कि अभी फर्म पंजीयन सत्यापन के नाम पर सेंट्रल एवं स्टेट जीएसटी के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को उत्पीड़ित करने की शिकायत लगातार आ रही है, तभी GSTN को PMLA में शामिल करने से और ED को सीधा व्यापारियों पर हस्तक्षेप करने की ताकत देने से अब यह स्थिति कोढ़ में खाज का काम करेगा, इससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा।

समाजवादी व्यापार सभा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल के निर्देश पर आयोजित प्रदेशव्यापी कार्यक्रम के क्रम में आज हमारे जनपद की व्यापार सभा इकाई भी इस ज्ञापन पत्र के माध्यम से आपसे मांग करती है कि तत्काल केंद्र सरकार को इस व्यापारी विरोधी फैसले को वापिस लेने का निर्देश देकर व्यापारी समाज को राहत दिलवाने का कष्ट करें।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष व्यापार सभा दिनेश कुमार अग्रहरि काजु
रमज़ान अली , अरविंद उमर पिंटू जी, प्रशांत कुमार शिहि, श्यामनाथ उमर, प्रमोद यादव,संतोष तिवारी मानु ,राहुल उमर ,नितिन मोदनवाल , अखिलेश वर्मा,व अन्य कार्यकर्ता उपस्तिथ रहे ।

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