आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
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सोनभद्र । आज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में “राष्ट्रीय ओरल हेल्थ दिवस” “A HAPPY MOUTH IS………. A HAPPY BODY” थीम पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार, जनरल फिजिशियन डॉ0 गणेश प्रसाद, ऐसोसिएट प्रोफेसर डेंटल डॉ0 ज्योति अग्रवाल, स्वशासी राजकीय चिकित्सालय महाविद्यालय, राहुल कुमार कन्नौजिया फाइनेन्स कम लॉजिस्टिक कंसल्टेंट, एनसीडी, नगरीय प्रा0स्वा0 केन्द्र के अधिकारी, कुष्ठ कर्मचारी, शहरी आशा आदि उपस्थित रहे।
गोष्ठी के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख लोग ओरल कैंसर से प्रभावित होते है। जिसका मुख्य कारण तम्बाकू गुटखा आदि का सेवन करने से होता है, इसलिए मुख की देखभाल करना अत्यन्त आवश्यक है। अत्यधिक गर्म भोजन एवं पेय पदार्थ आदि का सेवन भी कम करना चाहिए। हमारे मुख में लगभग 6000 ऐलीमेंन्ट्स होते है जिसके जलने का खतरा होता है। दांतों को किसी भी प्रकार के नुकीले पदार्थ से नही खोदना चाहिए। तम्बाकू गुटखा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए एवं समय-समय पर ओरल चेकअप कराते रहना चाहिए।
वहीं डॉ0 गणेश प्रसाद ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है क्युंकि वर्तमान में ओरल कैंसर एवं मुख से जुडी समस्या बढती जा रही है। जिसका एक मुख्य कारण यह भी है कि लोग नशीले पाउडर से मंजन करते है जिसमें नशा होता है। इसके लगातार प्रयोग से इसकी आदत पड जाती है। मुख से बदबू आने लगती है, मुख का पूरा खुलना बन्द हो जाता है। अतः हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है एवं प्रतिदिन दिन में दो बार सुबह एवं रात्रि में भोजन के बाद ब्रश जरूर करना चाहिए।
वहीं डॉ0 ज्योति अग्रवाल, ऐसोसिएट प्रोफेसर डेन्टल ने बताया कि अधिकतर नशीले पदार्थों में निकोटिन पाया जाना है जिसके सेवन से लोगो को इसकी आदत पड जाती है। जिससे यह चाह कर भी छोड नही पाते है। इन नशे की लत को छोडने के लिए निकोटिन रिप्लेस्मेंट थेरेपी चलाते है जिसमें निकोटिन पैच 7 मिलीग्राम, 14 मिलीग्राम एवं 21 मिली ग्राम में आता है। जिसे मरीजो की जॉच के पश्चात् तय किया जाता है कि किसे कितनी मात्रा में दिया जाना है और यह कोर्स तीन महिने का होता है। सरकार ने नशे की लत को छोडाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है जैसे कि जागरूकता कार्यकम, नशा मुक्ति केन्द्र आदि कार्य किये जा रहे है। अंततः स्वस्थ मुख ही स्वस्थ सेहत का आधार है।