Sonbhadra News : संचारी रोग नियंत्रण के लिए जिले के सभी ब्लॉकों व निकायों के प्रतिनिधियों को किया गया प्रशिक्षित
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
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सोनभद्र । गुरूवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान के क्रम में फागिंग एवं एंटीलार्वा छिड़काव का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिले के सभी 10 ब्लॉक एवं 10 नगर निकाय के प्रतिनिधियों को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/वीबीडी डॉ0 प्रेमनाथ की अध्यक्षता में जिला मलेरिया अधिकारी डी0एन0 श्रीवास्तव द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी डी0एन0 श्रीवास्तव ने बताया कि “संचारी रोगों के अर्न्तगत जनपद में मलेरिया एवं डेंगू का प्रकोप ज्यादा है, इसलिए मच्छरों पर नियंत्रण आवश्यक है। मच्छरों की कुल तीन प्रजातियों जनपद में मलेरिया, डेंगू एवं फाइलेरिया के लिये जिम्मेदार है। मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से फागिंग एवं एंटीलार्वा का छिड़काव आवश्यक है। फागिंग शाम के समय किया जाता है। जिससे वयस्क मच्छरों की जनसंख्या कम करने में मदद मिलती है, जबकि एंटीलार्वा का छिड़काव दिन के समय नालियों, छोटे गड्ढे, तालाबों, जल जमाव वाले क्षेत्रों में किया जाता है। इसले लिए सभी ब्लॉकों एवं नगर निकाय को 20 लीटर टेमीफास एवं 15 किलो बीटीआई पाउडर पूर्व में ही प्राप्त करा दिया गया है।”
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद में लेप्टोस्पायरिसिस एवं स्क्रब टाइफस के रोगी भी गत वर्ष मिले थे। लेप्टोस्पायरिसिस एवं स्क्रब टाइफस के कीटाणु चूहे, छछून्दर इत्यादि के शरीर पर रहते है, जिन्हें पिस्सू (माइट्स) कहा जाता है जो मनुष्यों को काटते है। इन्हीं पिस्सू के काटने से लेप्टोस्पायरिसिस एवं स्क्रब टाइफस जैसी घातक बीमारियों होती है। इनसे बचाव के लिए झाड़ियों की कटाई एवं घर की साफ सफाई आवश्यक है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रेमनाथ ने बताया कि “मलेरिया एक खतरनाक रोग है जिसका प्रभाव मनुष्य के लीवर, किडनी एवं मस्तिष्क तक हो जाता है। अतः इनके बचाव के उपाय आवश्यक है।”
प्रशिक्षण में आर0के0 सिंह, कुमार शुभम, अनिल दूबे, देवाशीष इत्यादि उपस्थित रहे।