Sonbhadra News : सीज हॉस्पिटल में डिलेवरी, जच्चा-बच्चा की मौत, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली
आनंद कुमार चौबे/रमेश यादव (संवाददाता)
सोनभद्र । जिले के दुद्धी क्षेत्र में मानक विहीन अस्पतालों के संचालन का शिकार क्षेत्र की भोली-भाली जनता हो रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा कर रहीं है। दुद्धी में सोमवार की रात्रि उस हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत की बात सामने आयी है जो हॉस्पिटल स्वास्थ्य विभाग की नजर में सील है तथा उस हॉस्पिटल पर एफआईआर भी दर्ज है। उन्होंने बताया कि कथित हॉस्पिटल में सोमवार की बच्चे और मां की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यवाही का आश्वासन देकर किसी तरह हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराया। इसकी जानकारी पर सीएमओ हीरा सिंह को जांच कर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि सीज होने के बाद भी हॉस्पिटल का संचालन हो रहा था। यहीं नहीं हॉस्पिटल संचालक के विरुद्ध FIR भी दर्ज कराया गया था लेकिन पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जिस पर सीएमओ ने फोन पर पुलिस अधीक्षक को भी पुरे मामले से अवगत कराया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीज प्रेरणा हॉस्पिटल में गर्भवती महिला को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। देर रात करीब ग्यारह बजे प्रसव के दौरान ही नवजात शिशु की मौत हो गई। नवजात की मौत की खबर सुनकर परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई।
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल संचालक द्वारा दबाव देकर नवजात शिशु के शव को हॉस्पिटल से सौ मीटर की दूरी पर लौआ नदी किनारे दफना दिया गया। इसी बीच मंगलवार की तड़के सुबह करीब चार बजे प्रसूता संगीता देवी (23वर्ष) पत्नी सोनू निवासी बहेराडोल कुशवहाटोला की भी मौत हो गई। महिला की मौत पर परिजन भड़क गए। परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर जमकर हंगामा किया। घंटों हंगामे के बाद कोतवाली पुलिस पहुंची। पुलिस ने परिजनों को कानूनी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी के अधीक्षक डॉ0 शाह आलम ने सेलफोन पर बताया कि घटना संज्ञान में आया है, सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई है, मामले की जाँच के नोडल के निगरानी में टीम गठित की जा रही है।
ऐसे में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद जहाँ मानक विहीन हॉस्पिटलों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल गयी वहीं FIR दर्ज होने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही न करने के कारण पुलिस विभाग का लचर रवैया भी खुलकर सामने आ गया।