आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
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सोनभद्र । अब आदिवासी आदिवासी बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। पिछले दो वर्षों से कोन ब्लाक के पीपरखाड़ गांव में बनकर तैयार एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय में एक जुलाई से कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। यहां शासन स्तर से 11 शिक्षकों सहित कुल 18 स्टापों की नियुक्ति की जा चुकी है।
बताते चलें कि वर्ष 2011 से 11 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से एकलव्य विद्यालय का निर्माण शुरू हो गया था लेकिन कई काम अधूरा होने से वहां पढ़ाई शुरू न हो सकी लेकिन जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह और समाज कल्याण विभाग की ओर से की गई कवायद के तहत अब जुलाई माह से इस विद्यालय में पठन-पाठन शुरू होगा। कक्षा 6 से 12वीं तक सीबीएसई पद्धति पर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर विद्यालय का संचालन होगा। कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के दाखिले की प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली गयी है। एकलव्य आवासीय विद्यालय में एक साथ 480 छात्र-छात्राओं के अध्ययन एवं ठहरने की व्यवस्था है। छात्र-छात्राओं के अलग-अलग हॉस्टल और कर्मचारियों के लिए अलग आवास बने हैं। शिक्षण कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को भी परखा था।
जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने बताया कि “विद्यालय में 50 प्रतिशत बालक और 50 प्रतिशत बालिकाएं आवासीय शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। विद्यार्थियों को भोजन, नाश्ता, स्टेशनरी, दैनिक सामग्री आदि की व्यवस्था निःशुल्क कराई जाएगी। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कक्ष 6, 7 और 8 की पढ़ाई कराई जाएगी, जिसमें प्रत्येक कक्षा में 30-30 जनजाति के बालक-बालिकाओं के प्रवेश की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है। वहीं कुल छात्र संख्या का 10 प्रतिशत विमुक्त जाति समुदाय के बच्चों, नक्सलवाद और कोविड में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों, अनाथ व विधवा, दिव्यांग माता-पिता के बच्चे को स्कूल में प्रवेश दिया जाना है।”