रमेश (संवाददाता )
दुद्धी, सोनभद्र। सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील मुख्यालय पर आदिवासी विश्व विद्यालय की मांग को लेकर दुद्धी बार संघ के सचिव दिनेश कुमार एडवोकेट ने राष्ट्रपति व राज्यपाल को पत्र लिखा हैं। सचिव ने डॉक द्वारा भेजें पत्र में कहा हैं कि हमारे परिक्षेत्र दुद्धी तहसील मुख्यालय पर राजकीय इण्टर कॉलेज की स्थापना गवर्नमेंन्ट हाईस्कूल के रूप में सन् 1950 में तथा राजकीय डिग्री कॉलेज दुद्धी की स्थापना सन् 1972 में हुई थी। राजकीय इण्टर कॉलेज दुद्धी के पास 27 एकड़ भूमि तथा राजकीय डिग्री कॉलेज जो वर्तमान में भाउराव देवरस स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुद्धी के नाम से 16 एकड़ भूमि है. दोनो कॉलेज परिसर एक ही स्थान पर सटे हुए है।इस प्रकार 43 एकड़ भूमि उपलब्ध है। इस प्रकार एक आदिवासी गिरिवासी अचंल में जो चारो ओर से पहाड़ी परिक्षेत्र में स्थित है, जहाँ आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा सकती है।
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे आंचल जहां एक ओर विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रीयों जैसे हिण्डालको, एन०टी०पी०सी०, रिहन्द नगर, शक्तिनगर, अनपरा, एन०सी०एल० ककरी, आमलोरी, बीना कोलमाइन्स, कई थर्मल पावर व चुर्क, डाला सिमेन्ट की फैक्ट्रीयों तथा खान उद्योग स्थित है। वही पर दुसरी ओर आर्थिक विषमताओं की चादर ओढ़े हुए चारो ओर से घिरा हुआ पर्वतीय पहाड़ी क्षेत्र में निवासी करने वाले गरीब आदिवासी गिरिवासी मूल जनजाति के लोग शिक्षा की मूल धारा से वंचित है जिन्हें मूल शिक्षा की धारा में लाने के लिए एक केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना कर पूरे क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाना उद्देश्य है तथा आदिवासी अंचल मे रहने वाले लोग जिनका मुख्य व्यवसाय मजदूरी जो गुजरात, महाराष्ट्र,तमिलनाडू, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में जा कर करते है अप्रशिक्षित होते है तथा अपने परिक्षेत्र में कई औधौगिक इकाईया होने के बाद भी तकनीकी शिक्षा से वंचित होने के कारण बाहर जाकर मजदूरी करते है।
आज से दौर में वर्तमान पीढ़ी को यदि सोनभद्र के एक मात्र पूराना शिक्षण संस्थान जो आजादी के दौर से प्रारम्भ है जिला का प्राचीनतम है में एक आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना किया जाना आवश्यक है।