सोनभद्र

Sonbhadra News : मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, की कड़ी कार्यवाही की मांग

शान्तनु कुमार/आनंद कुमार चौबे

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बोले सीडीओ- सप्लायर के खिलाफ एफआईआर की कार्यवाही के साथ लगेगी भुगतान पर रोक

सप्लायर की सिक्युरिटी राशि भी होगी जप्त- सीडीओ

समाज कल्याण मंत्री के गृह जनपद में उनके ही विभाग में भ्रष्टाचार उजागर

बुधवार को चोपन में आयोजित सामूहिक विभाग में आशीर्वाद देने पहुंचे थे समाज कल्याण राज्य मंत्री

पुरे मामले पर समाज कल्याण राज्यमंत्री के पास चुप्पी साधने व आश्वासन देने के सिवाय कुछ नहीं था

सोनभद्र । मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह में दुल्हन को दिए जाने वाले चांदी की पायल व बिछिया की जगह गिलट का दिए जाने पर लाभार्थी व उनके परिजनों द्वारा विरोध किये जाने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। जहां एक तरफ़ प्रशासन बुधवार को चोपन में आयोजित सामुहिक विवाह में लाभार्थियों को दिए जाने वाले सभी सामानों को रोक दिया और सिर्फ एक साड़ी में दुल्हन को विदा कद दिया गया । वहीं इस पूरे मामले ने अब सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है। गुरुवार को महिला कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष ऊषा चौबे की अगुवाई में विकास भवन पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया तथा समाज कल्याण अधिकारी को बर्खास्त करने के साथ दोषी फर्म और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई। महिला जिलाध्यक्ष ने उक्त मांग से सम्बन्धित ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री को भेजकर कार्यवाही की मांग की है।

इस मौके पर महिला कॉंग्रेस अध्यक्ष ऊषा चौबे ने कहा कि “जनपद में सामुहिक विवाह योजना में भारी लूट किया गया है। लाभार्थियों को चांदी की जगह गिलट का जेवर दिया गया, जो उनके व उनके गरीबी के साथ सरासर मजाक है । महिला जिलाध्यक्ष ने कहा कि अन्य सामानों की गुणवत्ता में भी व्यापक धांधली की गई है । उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में पहले बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ चर्चा में था और अब बेटियों की शादी में लूट एक नए चर्चा में जुड़ गया है। कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष उषा चौबे ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब कुछ समाज कल्याण मंत्री के नाक के नीचे उनके गृह जनपद में हुआ और वे सिर्फ जांच की बात कह कर शांत पड़े हैं । उषा चौबे ने कहा कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं वहीं उनके ही मंत्री के गृह जनपद में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है । महिला जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को काम देकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसकी पोल खुल चुकी है । श्रीमती चौबे ने कहा कि जनपद सोनभद्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, यहां महिलाओं का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो महिला कॉंग्रेस सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेगी।”

वहीं पुरे मामले पर सीडीओ सौरभ गंगवार ने बताया कि “सप्लायर द्वारा दी जाने वाली आपूर्ति के साथ उनका भुगतान रोक दिया गया है साथ ही उसकी सिक्योरिटी मनी भी जप्त कर ली गयी है। संबंधित फर्म के विरुद्ध FIR की कार्यवाही भी की जाएगी। सीडीओ ने कहा कि सभी लाभार्थियों की डिटेल प्रशासन के पास है, जिसके आधार पर शासन द्वारा गुणवत्तायुक्त सामान मंगाकर लाभार्थियों के घर तक पहुंचाया जाएगा।”

बहरहाल मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद मंत्री से लेकर प्रशासन बैकफुट पर है औऱ लगातार कार्यवाही किये जाने की बात कह रहा है । मगर बड़ा सवाल यह है कि शादी जिंदगी में एक बार ही होती है और प्रशासन की लापरवाही के चलते नयी दुल्हन को सिर्फ एक साड़ी में विदा होना पड़ा, यहां तक कि भीषण ठंड के वावजूद रजाई-गद्दा तक नसीब नहीं हुआ। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि गरीबों के साथ मजाक करने वाले के खिलाफ सिर्फ उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल करना व भुगतान रोकना ही कार्यवाही है ? सही मायने में सप्लायर और उससे जुड़े संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

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