
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सिलक्यारा टनल पहुंचकर रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए गडकरी ने कहा कि अंदर फंसे मजदूरों की भारत सरकार और सभी को बहुत चिंता है। टनल में फंसे श्रमिकों को निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार से उनकी जान बचाया जाए ,उन्हें वहां से निकाला जाए, ऐसा हमारा प्रयास है। हम लोग सभी प्रयासों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। जियोलॉजी में रॉक के अलग अलग प्रकार का हार्डनेश होता है। जैसे क्वार्टजाइट, फ़िलाइट, जिप्सम,शिस्ट, नीस, डायमंड यहां पर किसी में सॉफ्ट है किसी में हार्ड है डायमंड सबसे हार्ड है। स्वाभाविक रूप से दिक्कते बहुत आ रही है। हमने इसके लिए छ विकल्प पर काम सुरू कर रहे है। भारत सरकार की अलग अलग एजेंसियां की सेवाएं ली जा रही है। उत्तराखंड सरकार इसमें काम कर रहीं है। व्यक्तिगत संस्थाएं के एक्सपर्ट के द्वारा भी इस पर काम किया जा रहा है। बीआरओ द्वारा इसमें जो अंदर फंसे हुए श्रमिकों को खाना पहुंचाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है लाइन में और दूसरे लाइन में करके रखी है। आने वाले समय में जो अंदर फंसे हुए है विशेष रूप से उन्हें खाना पहुंचाया जाए।
यहां जो अनेक प्रयास चल रहे है टेक्नोलॉजी, एवं मशीनों द्वारा कार्य किया जा रहा है
भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा जो भी आवश्यक हो रोड, पानी,विद्युत लाइट सपोर्टिंग जो भी आवश्यकता हों वो पूरी कर दी जायेगी।