शान्तनु कुमार/आनंद चौबे
सोनभद्र । फर्जी परमिट के आधार पर सैकड़ों ट्रकों को छुड़ा लिए जाने के मामले में शासन से लेकर प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मचा हुआ है। करोड़ों के हेराफेरी के मामले की जांच करने सोनभद्र पहुंचे मिर्जापुर आरटीओ संजय तिवारी ने बड़ा बयान दिया है । आरटीओ मिर्जापुर ने कहा कि यह तो साफ है कि गड़बड़ी हुई है और इस गड़बड़ी में प्रथम दृष्टया दो विभाग शक के घेरे में है, जिसमें परिवहन व पुलिस विभाग शामिल है । लेकिन उन्होने तीसरे के भी हाथ होने की आशंका जताई है लेकिन वह तीसरा कौन हो सकता है, इस पर उन्होंने चुप्पी साध रखी थी ।
फर्जी कागजात बनाकर परिवहन माफिया एक नहीं बल्कि लगभग 3सौ से ज्यादा गाड़ियों को छुड़ा ले गए और किसी को कानोकान खबर कैसे नहीं हुई, यही बात आरटीओ मिर्जापुर को खटक रही है । जिस तरह से आरटीओ मिर्जापुर ने दो विभागों पर शक जाहिर किया है और जांच कर रहे हैं उससे एक बात यह भी साफ हैं कि इस खेल के मास्टरमाइंड को पकड़ने के पहले जांच टीम को विभीषण को खोजना होगा तभी इस पूरे खेल का खुलासा हो सकेगा ।
हालांकि परिवहन विभाग में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो गया लेकिन विभाग की आदत उसी तरह है । कार्यालय के प्रवेश द्वार पर दलालों का प्रवेश वर्जित लिख दिया गया है लेकिन दलालों की संख्या कम नहीं हुई, बल्कि उन्होंने अपना समय व तरीका बदल दिया है । सूत्रों की माने तो अब खेला कार्यालय बन्द होने के बाद शुरू होता है । कहीं आरटीओ मिर्जापुर का इशारा इस तरफ तो नहीं था ।
बहरहाल फर्जीवाड़े का मामला काफी पेंचीदा हो चला है, जहां पुलिस कानून की समझ रखती हो तो वहीं परिवहन विभाग भी शासनादेश की अच्छी जानकारी रखता है । फिलहाल अब शासन से लेकर प्रशासन व जनता को उस विभीषण की खोज है, जो यह खेल रचा।
लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि फर्जीवाड़े का इतने बड़े रैकेट का खुलासा तो हुआ लेकिन परिवहन विभाग सोनभद्र में माहौल बिल्कुल सामान्य सा है, जो कहीं न कहीं प्रशासनिक उदासीनता को भी दर्शाता है।
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