दिलीप श्रीवास्तव/प्रकाश खत्री (संवाददाता)

चुर्क (सोनभद्र) । नगर को स्वच्छ रखने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए एक आदेश जारी किया है, जिसमें मीट की दूकान को सब्जीबाजार व खाद्य पदार्थों की दूकान से दूर रखने की बात कही गयी है। आदेश में यह भी कहा गया है कि मीट की दूकान धार्मिक स्थल/पूजा स्थल से कम से कम 50 मीटर दूर होना चाहिए।
इसके अलावा किसी भी धर्म/पंथ/सम्प्रदाय के धार्मिक स्थल के प्रवेश द्वार से मीट की दुकान कम से कम 100 मीटर दूर
होना चाहिए।
शासन ने यह भी साफ कर दिया कि मीट के दुकान का दरवाजा काले शीशे से बना होना चाहिए, केवल आने व जाने को छोड़ कर बाकी समय दरवाजा बन्द रहना चाहिए। मीट के दुकान मालिक की यह भी जिम्मेदारी होगी कि वह अन्दर-बाहर व रास्ते व नाली की भी साफ-सफाई सुनिश्चित करें।
शासन ने मीट के दुकान का आकार भी निर्धारित कर दिया है।दुकान की ऊचाई 3 मीटर से कम नही होनी चाहिए यदि मीट की दुकान वातानुकुलित है तब भी ऊचाई ढाई मीटर से कम नही होनी चाहिए। साथ ही परिसर की दीवारे फर्श से 5 फिट तक टाइल्स या अन्य हाईजिनिक पैनल से बना होना चाहिए । जिससे कि साफ-सफाई एवं धोने में आसानी रहें। परिसर के फर्श का ढलाव 5 सेन्टीमीटर से कम नही होना चाहिए एवं फर्श न फिसलने वाले सामग्री से बना होना चाहिए। फर्श के ढलाव से साफ-सफाई करने में आसानी होगी।
अब मीट के दुकान पर लगने वाले बोर्ड पर मीट के प्रकार का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए, परिसर की
नालिया सीवर से जुडी हुयी होनी चाहिए जिससे कि गंन्दे पानी की निकासी हो सके। परिसर में पेय जल की आपूर्ति निर्बाध होती रहनी चाहिए । परिसर का दरवाजा आटोमेटिक क्लोजर वाला होना चाहिए।
मीट की दुकान में मक्खियों से बचाव के लिए पर्दा एवं मक्खी जाल होना चाहिए। वजन करने वाले मशीन भी स्टेनलेस स्टील का होना चाहिए।
जिस चापिंग बोर्ड पर मीट की कटिंग की जाती है वह चापिंग बोर्ड फूड ग्रेड का होना चाहिए, जो
कोई भी जिन्दा जानवर या पंक्षी मीट शॉप के अन्दर रखने की अनुमति नही होगी।
परिसर के अन्दर कार्यरत ऐसे व्यक्ति जिनकों बुखार, उल्टी, डयरिया, टाईफाईड, पेचिस, एवं जले कटे घाव हो ऐसे व्यक्यिों को परिसर के अन्दर अनिर्वातः कार्य नही करना चाहिए।

