ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन की चीखें पूरे देश में सुनाई दे रही हैं । कोरोमंडल ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है । वहीं मृतकों की भरपाई तो किसी से नहीं हो सकती । लेकिन परिजनों के जख्मों पर मरहम जरूर लगाया जा सकता है । हादसे के बाद पीएमओ की ओर से मुआवजे का ऐलान किया गया है। ट्रेन हादसे मे मृतकों के परिवार के दो-दो लाख रुपये और घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को रेल मंत्रालय की ओर से 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो लाख रुपये, मामूली रूप से चोटिलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। अलग-अलग राज्यों की सरकार ने भी इस हादसे में घायल हुए और मृतकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।
दरअसल, कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हो गई और फिर मालगाड़ी के इंजन पर जा चढ़ी। इसके बाद हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस की बोगियां इससे भिड़ गई। घटना स्थल पर मौजूद रेस्क्यू टीम अब भी ट्रेन के डिब्बों के नीचे से लोगों के शव निकाल रही है। अधिकारियों का कहना है कि अभी मरने वालों की संख्या में और भी वृद्धि होने के आसार है।
बता दें कि दुर्घटना या अन्य किसी अनहोनी के चलते जानमाल के नुकसान को देखते हुए रेलवे ने 2016 से रेल दुर्घटना बीमा की सुविधा भी शुरू की है। आईआरसीटीसी पर रेल रिजर्वेशन टिकट बुक करते वक्त रेलवे 1 रुपये से भी कम में 10 लाख रुपये का बीमा प्रदान करती है। रिजर्वेशन फॉर्म पर आपको 35 पैसे के इस बीमा को लेने या न लेने का विकल्प दिया जाता है। बीमा पर क्लिक करने पर आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड या अन्य बीमा कंपनियों की ओर से आपको बीमा कवर मिलता है।
रेलवे कौन सी स्थितियों को दुर्घटना मानता है?
रेलवे अधिनियम, 1989 का अध्याय 13 में कहा गया है कि दुर्घटना के कारण किसी यात्री की मौत और गंभीर शारीरिक क्षति के मामले में रेलवे विभाग उत्तरदायी है । जब ट्रेन में काम करते समय कोई दुर्घटना होती है तो यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों के बीच टक्कर होती है या यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेन पटरी से उतरती है तो घायल को मुआवजा दिया जाएगा ।