राहुल शुक्ला ब्यूरो
खुटार शाहजहांपुर। दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने मानो किसानों की कमर ही तोड़ दी है किसानों की गेहूं की फसल जमीन में लेट गई है तो वहीं लाही खेतों में ही हिल रही है और टमाटर खेतों में सड़ने लगा है जमीन के अंदर पैदा होने वाली फसल आलू के ऊपर पानी भरा हुआ है किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में गड्ढे खुदवाकर जल निकास की व्यवस्था के लिए मशक्कत कर रहे हैं कहीं भगवान से बारिश को रोकने की प्रार्थना कर रहे हैं।
क्षेत्र में हो रही बारिश से किसान कराह उठा है और सरकार से मुआवजे की आश भी लगा रहा है जिससे कुछ राहत मिल सके किसान कर्ज लेकर अपनी फसल में छः महीने तक खाद पानी देकर तैयार करता है और उसी को बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है और उसी पर शादी- विवाह के खर्च भी आधारित होते हैं प्रकृति की मार किसान के लिए असहनीय होती है कभी कभी फसल नष्ट होने पर उनके बच्चों की शादी विवाह में बड़ी दिक्कत उत्पन्न हो जाती है और अनहोनी की आशंका भी बढ़ जाती है।
हालांकि प्रकृति की मार किसान लगभग हर साल सहता है इस बार भी क्षेत्र के किसानों को भरी समस्या का सामना करना पड़ रहा है असमय हुई बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।